मैं बह गया क़तरा क़तरा, मैं टुटा जा़र जा़र सा,
ये मेरी वफ़ा का ईनाम है, तेरी बेवफाई वजह नहीं...
मैं बह गया क़तरा क़तरा, मैं टुटा जा़र जा़र सा,
ये मेरी वफ़ा का ईनाम है, तेरी बेवफाई वजह नहीं...
नाम-इन्दर , पिता का नाम -भोले नाथ , मैं एक हिंदी लेखक हूँ I बचपन से ही मुझे ग़ज़लें-कवितायेँ-कहानियां और शेरो शायरी&n (आगे पढ़िये ...)