हर ग़म ही रहा हर दम में मेरे, हर ग़म पे मेरा हर दम निकला , "रंजन" हर दम की ये खू तेरे कूचे की हर दम ही मेरा हर दम निकला।
हर ग़म ही रहा हर दम में मेरे, हर ग़म पे मेरा हर दम निकला , "रंजन" हर दम की ये खू तेरे कूचे की हर दम ही मेरा हर दम निकला।
मैं एक कवि हूँ. मैं हिंदी कविता, ग़ज़ल एवंग शायरी रचना करता हूँ. बंगाली में सिर्फ गाना लिखता हूँ. मैंने&nbs (आगे पढ़िये ...)