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शिक्षक बनने का सपना

20 मार्च 2015

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HTET :शिक्षक बनने का सपना।

संजो रहे युवा पढ़ें बुरी खबरपीजीटी के लिए आवेदन करने वाले युवा सकते मेंभाषायी विषयों में बीएडउत्तीर्ण कर टीचर बनने काख्वाब संजोए प्रदेशभर केहजारों युवकों को शिक्षाविभाग ने झटका दिया है। इसबार भाषीय विषय में कक्षा 6से 8वीं तक टीजीटी के लिएआवेदन करने वाले प्रदेशभर केभाषायी आवेदनकर्ताओं कोअपने विषय से हटकर मैथ वसाइंस का एग्जाम देना होगा,जबकि यह कक्षा में पढ़ाएंगेहिंदी, संस्कृत, उर्दू यापंजाबी।


ऐसे में शिक्षा विभाग के फैसलेका क्या औचित्य है, आवेदकोंको समझ नहीं आ रहा है। इसफैसले से प्रदेशभर के पीजीटी केलिए आवेदन करने वाले युवासकते में हैं।दरअसल हरियाणा अध्यापकपात्रता परीक्षा 150 नंबरोंकी होती है। इसमें हर विषयकी परीक्षा ली जाती है।परीक्षा को चार खंडों मेंविभाजित किया गया है।इसके पहले पार्ट में 30 नंबरका बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र (अनिवार्य), 30 नंबरकी इंग्लिश (अनिवार्य), 30नंबर की हिंदी, संस्कृत,पंजाबी व उर्दू विषय कीपरीक्षा ( कोई एक) व चौथापार्ट मैथ और साइंस, सोइससाइंस सहित हर विषय काहोता है। 


यानि जिसका जोभी सब्जेक्ट है, उसे उसका पेपर60 नंबर का करना होता था।इसमें हिंदी के आवेदकों के लिएयह सुविधा नहीं थी। इस तरहविषय का अलग से 60 नंबर कापेपर लेकर उस विषय में उसकीयोग्यता का आकलन कर लियाजाता था। लेकिन अब ऐसानहीं होगा। अब हिंदी,पंजाबी, संस्कृत और उर्दू, होमसाइंस और फिजिकल एजुकेशन केसे संबंधित आवेदकों को साइंसया मैथ विषय को ही चयनकरना होगा। 


मतलब एकदमसाफ है, अब उन्हें अपने विषय सेहटकर 60 नंबर को एग्जाम मैथया सांइस विषय का देना होग

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शिक्षक बनने का सपना

20 मार्च 2015
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HTET :शिक्षक बनने का सपना।संजो रहे युवा पढ़ें बुरी खबरपीजीटी के लिए आवेदन करने वाले युवा सकते मेंभाषायी विषयों में बीएडउत्तीर्ण कर टीचर बनने काख्वाब संजोए प्रदेशभर केहजारों युवकों को शिक्षाविभाग ने झटका दिया है। इसबार भाषीय विषय में कक्षा 6से 8वीं तक टीजीटी के लिएआवेदन करने वाले प्रदेशभर केभाषायी आव

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कलाकार की स्वतंत्रता

20 मार्च 2015
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ये सच है कि कलाकार स्वतंत्रता की ज़मीन परही काम करता है उसके विचारों कि स्वतंत्रता ही उसकी वोजादुई तूलिका होती है जिसके माध्यम से वो अनेकानेक रचनाओं में रंग भरता है. कलाकार स्वतंत्र नहीं होगा तोकिसी भी नयी रचना की सम्भावना भी नहीं रहेगी. विचारों कि जितनी स्वतंत्रता होती है, कल्पना कि उड़ान भी उतनी ही

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