नमामि मृगाधीश शिवस्वरूपम्
कालम् कृपालं महाकाल ईशम् ।
नमामि भुजगीश विश्वस्वरूपम्,
त्रिकालम् त्रिनेत्रम् त्रिभवनीशम् ।
नजानामि पूजाम् जपं न ही योगम्,
समर्पयामि मम् श्रद्धापुष्पं शम्भू तुभ्यम् ।
नीलकण्ठम् दयालम् गुणागार नतोऽहम्,
वन्दे शिवम् सर्वलोकैकनाथम् ।।