तुम जो आये जिंदगी मी गीत एक बार अपॉन ए टाइम इन मुंबई (2010) इरशाद कामिल द्वारा लिखा गया है, यह प्रीतम चक्रवर्ती द्वारा रचित है और राहत फतेह अली खान और तुलसी कुमार द्वारा गाया गया है।
वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई (Once Upon A Time In Mumbai )
तुम जो आये ज़िन्दगी में (Tum Jo Aaye Zindagi Mein ) की लिरिक्स (Lyrics Of Tum Jo Aaye Zindagi Mein )
पाया मैंने पाया तुम्हें रब ने मिलाया तुम्हें होंठों पे सजाये तुम्हें नग़मे सा गया तुम्हें पाया मैंने पाया तुम्हें सब से छुपाया तुम्हें सपना बनाया तुम्हें नींदों में बुल
तुम जो आये ज़िन्दगी में बात बन गयी इश्क़ मज़हब
हो.. तुम जो आये ज़िन्दगी में बात बन गयी सपने तेरी चाहतों के सपने तेरी चाहतों के देखती हूँ कई दिन है सोना
पाया मैंने पाया तुम्हें रब ने मिलाया तुम्हें होंठों पे सजाये तुम्हें नग़मे सा गया तुम्हें पाया मैंने पाया तुम्हें सब से छुपाया तुम्हें सपना बनाया तुम्हें नींदों में बू
चाहतों का मज़ा फासलों में नहीं ा छुपा लूँ तुम्हें हौसलों में कहीं सब से ऊपर लिखा है तेरे नाम को ख्वाहिशों से जुड़े सिलसिलों में कहीं ख्वाहिशें मिलने की तुमसे
[सरगम..]
पाया मैंने पाया तुम्हें रब ने मिलाया तुम्हें होंठों पे सजाये तुम्हें नग़मे सा गया तुम्हें पाया मैंने पाया तुम्हें सब से छुपाया तुम्हें सपना बनाया तुम्हें नींदों में बू
ज़िन्दगी बेवफा है यह मन मगर छोड़कर राह में जाओगे तुम अगर छीन लूंगा मैं
पाया मैंने पाया तुम्हें रब ने मिलाया तुम्हें होंठों पे सजाये तुम्हें नग़मे सा गया तुम्हें पाया मैंने पाया तुम्हें सब से छुपाया तुम्हें सपना बनाया तुम्हें नींदों में बू
पाया मैंने पाया तुम्हें रब ने मिलाया तुम्हें होंठों पे सजाये तुम्हें नग़मे सा गया तुम्हें पाया मैंने पाया तुम्हें सब से छुपाया तुम्हें सपना बनाया तुम्हें नींदों में बू