shabd-logo

उमेश सिंह के बारे में

no-certificate
अभी तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है|

उमेश सिंह की पुस्तकें

tata

tata

0 पाठक
0 रचनाएँ

निःशुल्क

निःशुल्क

उमेश सिंह के लेख

bhojpuri kahawat

15 जून 2016
1
0

1)कूकूर पोसले बानीं तऽभूँकी मत। 2)आदमी के भूख लागीअपने से खाई, बकरी के भूख लागी लकड़ी चबाई। 3)दू बेकत के झगड़ा, बीच मे बोले से लबरा। 4) अबर बानी, दूबर बानी, भाई में बरोबर बानी। 5)बाप के नाम साग पात, बेटा के नाम परोरा। 6)बापे पूत, परापत घोड़ा, बहुत नहीं तऽ थोड़ाथोड़ा। 7)खाईब तऽ गेंहूँ, ना तऽ रहब एहूँ। 8)

पत्र

30 मार्च 2016
3
1

                   मेरे जानेमन मंटू    तोहार लेटर आज मिला.जबसे पढ़े हैं तबसे हमरो लभलाइटिस बढ़ गया है...आज दिलवा बोरसी जइसन सुनुगरहा...केतना बार दिल बनाकर नाम लिखे तोहार आ केतना बार तीर बनाये.. आ केतना बाररोये ....अरे यूनिनार वाले मिल जातें न तो उनके टावर में किरासन डाल के फूंक देतीआ पूछती...."कवना जन

shayri

30 मार्च 2016
3
1

मोटरसाइकिल की सवारी

4 फरवरी 2016
3
1

भगवान

23 दिसम्बर 2015
6
1

                    मैंने भगवान से कहा- मेरे सभी दोस्तों को खुश रखना l………………भगवान बोले- ठीक है,पर सिर्फ 4 दिन के लिए……वो चार दिन तू बता………………….मैंने कहा ठीक है……1) Summer Day           2) Winter Day3) Rainy Day                4) Spring Day……………..भगवान confusedहो गए और बोले- नहींसिर्फ 3 दिन…………………….म

ताज

28 नवम्बर 2015
0
0

लिट्टी चोखा की तैयारी

21 नवम्बर 2015
4
2

चलते चलते

21 नवम्बर 2015
4
0

सत्य-वचन

9 नवम्बर 2015
7
2

                    मित्रों !!       ..समय, सत्ता, संपत्ति और शरीर .....येचार ... सदा साथ नहीं देते . इसके ठीक विपरीत, संत , सज्जन , सत्संग और सम्बन्ध, ... ये चारों.. सदा साथ देते हैं .

शुभकामना

9 नवम्बर 2015
6
2

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए