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उम्मीद

19 सितम्बर 2021

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ना रास्तों ने साथ दिया ना
ना मंजिल ने इंतजार किया 
मैं क्या लिखूं अपनी जिंदगी
               पर.......
मेरे साथ तो उम्मीदों ने भी 
        मजाक किया 
Varsha Kadam

Varsha Kadam

🙏धन्यवाद जी 🙏

20 सितम्बर 2021

20 सितम्बर 2021

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रचनाएँ
उम्मीद
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रात्रि में जब हम सोने के लिए जाते है तब हमे इस बात की गारंटी नहीं होती की हम सुबह जीवित रहेगें या नहीं फिर भी हम घड़ी में अलार्म लगाकर सोते है इसे कहते है उम्मीद

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