गिरिजा नन्द झा
2 किताबे ( 2 हिंदी )
27 रचनायें ( 27 हिंदी )
अदना सा पत्रकार हूँ. बड़ी बातों की परवाह नहीं करता. छोटी बातें चुभ जाय तो बर्दाश्त नहीं कर पाता. कोशिश होती है कुछ नया करता रहूँ. लिखने पढ़ने के सिवा कुछ आता जाता नहीं.
नए अवतार में मैगी-स्वाद के साथ सेहत की गारंटी!
12 नवम्बर 2015
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चुनावी नतीजों के बहाने राजनीति का अंकशास्त्र
10 नवम्बर 2015
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हारी हुई पार्टी की तरह बिहार में हारी भाजपा
9 नवम्बर 2015
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दलित नाराज, बचे हैं तीन चरण के मतदान
23 अक्टूबर 2015
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भाजपा से ‘शत्रुता’ साध रहे शत्रुघ्न सिन्हा?
20 अक्टूबर 2015
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बिहार के मतदाताओं के ‘रवैये’ से आहत प्रधानमंत्री मोदी
17 अक्टूबर 2015
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भूख से मरने वालों का सच नहीं जानते हम
15 अक्टूबर 2015
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क्या दिल्ली की गलती को बिहार में दोहरा रही भाजपा?
13 अक्टूबर 2015
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कुर्सी पर दावा करने वालों के लिए भाजपा में नहीं जगह!
10 अक्टूबर 2015
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‘मुंगेरीलाल’ की तरह रामविलास के हसीन सपने
9 अक्टूबर 2015
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