shabd-logo

अर्चना गंगवार के बारे में

लफ़्ज़ों और रंगो से अपने अहसासों को बिखेर देती हूँ . मैं अर्चना हर बूँद में अक्स अपना देख लेती हूँ ।

no-certificate
अभी तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है|

अर्चना गंगवार की पुस्तकें

panghat

panghat

गाँव में गोरी खाली गागर और मन में सागर लेकर लेकर पानी भरने पनघट पर जाती है तो वहाँ चार सखिया मिलती है उनसे मन की बात कहती भी है उनके मन की बात सुनती भी है . गागर में पानी और मन में हँसती मुस्कराती ज़िंदगानी लेकर आती है कुछ ऐसा ही ये पनघट है जहाँ कवि

0 पाठक
40 रचनाएँ

निःशुल्क

panghat

panghat

गाँव में गोरी खाली गागर और मन में सागर लेकर लेकर पानी भरने पनघट पर जाती है तो वहाँ चार सखिया मिलती है उनसे मन की बात कहती भी है उनके मन की बात सुनती भी है . गागर में पानी और मन में हँसती मुस्कराती ज़िंदगानी लेकर आती है कुछ ऐसा ही ये पनघट है जहाँ कवि

0 पाठक
40 रचनाएँ

निःशुल्क

coldstore

coldstore

उत्तर प्रदेश में कन्नौज का इत्र और आलू सारे भारत में यात्रा करता है .इसलिए यहाँ आलू का भण्डारण शीत गृह में किया जाता है .किसान बहुत मेहनत से आलू की

0 पाठक
0 रचनाएँ

निःशुल्क

coldstore

coldstore

उत्तर प्रदेश में कन्नौज का इत्र और आलू सारे भारत में यात्रा करता है .इसलिए  यहाँ आलू का भण्डारण शीत  गृह में किया जाता है .किसान बहुत मेहनत से आलू  की

0 पाठक
0 रचनाएँ

निःशुल्क

अर्चना गंगवार के लेख

दर्द

28 जनवरी 2016
4
4

जब भी कोई दर्द सीने से बाहर आया है .....तुमने कांटो से उसे खूब सहलाया हैमैंने जख्म सुखाने की दावा मांगी थीतुमने जले में नमक छिडकाया है

दर्द

28 जनवरी 2016
2
1

जब भी कोई दर्द सीने से बाहर आया है .....तुमने कांटो से उसे खूब सहलाया हैमैंने जख्म सुखाने की दावा मांगी थीतुमने जले में नमक छिडकाया है

नारी को नारी के संग

9 नवम्बर 2015
6
0

न तलवार चलानी है न हथियार उठाने हैनारी को नारी के संग बस चाल मिलानी है  न धरने करने है न अनशन करने है नारी को नारी के संग आवाज़ मिलानी  है वो सास जो लडती थी जो बहु जलाती  थीनारी को नारी के संग वो सास हटानी  है कोमल नारी की कोमलता बचानी है नारी को नारी की बस पहचान दिलानी है      

अविरल

6 नवम्बर 2015
13
4

आवाज़ उठाई है कोई सुर मिलाएगानाव छोड़ी है कोई पार लगाएगा......... घाव दिखाया है कोई मरहम लगायेगा बात इतनी सी है कोई आगे बढाएगा........ जनसँख्या बताई है कोई रोक लगाएगा निशाना बताएगा कोई तीर चलाएगा .... मुस्कान जगाई है ठहाका कोई लगाएगा सन्नाटा तोडा है शोर कोई मचाएगा............ चिंगारी दिखाई है शोला कोई

धुआं

4 नवम्बर 2015
6
4

धुआं ही धुआं हैचारो तरफ आकाश साफ़ नहीं मिलता ...... कोयल गाती नहीं पेड़ो में बौर नहीं मिलता पथिक रुकते नहीं झरनों में जल नहीं मिलता ..... मृत्यु पर जाते नहीं लोग वह क्रदन नहीं मिलता आइना देखते नहीं लोग उसमे अक्स नहीं मिलता......  गीत ठहरते नहीं कोईउनमे सन्देश नहीं मिलता पैर छुते नहीं लोग आशीष में हम न

गम

3 नवम्बर 2015
6
5

गम तो सबके दिल में हैपर हँसते  लोग कुछ ही है  तुम भी दुखी और हम भी दुखी पर खुलकर रोते कुछ ही है  छुपाने से कुछ छुपता नहीं ये बात समझते कुछ ही है आंसू में भी स्वाद है एक ये बात परखते कुछ ही है  कांटो की चुभन तो सबने सही प्यार कांटो का समझते कुछ ही है ..........

कांटे

31 अक्टूबर 2015
6
4

मैंने अपने दामन मेंचंद कांटे भी सजाएहै जब भी कोई लगी फांसकांटो से ही निजातपाई है .

आधे कपड़ो में पूरी लड़की.........

30 अक्टूबर 2015
4
0

आधे कपड़ो में पूरी लड़कीजब सडक से गुजरती है तोसड़क से तो गुजर जाती है पर दिलो में ठहर जाती है लेकिन  फिर पूरे  कपड़ो में आधी लड़की सड़क से गुजर नहीं पाती और दरिंदगी से गुज़र जाती है  वो आधी लड़की दुनिया से गुज़र कर भी गुजरती नहीं है ज़र्रे ज़र्रे में ठहरकर सही वक़्त का इंतज़ार करती है और किसी भी रूप में अपना इंत

पक्षी और हम

29 अक्टूबर 2015
12
10

नयन से नयन न मिलेपर अश्क साथ बह चलेजो देखा मृत पक्षी कोसारे  पक्षी उमड़ पड़ेक्योकि वो पक्षी है ..........और हम......नयन से नयन बहुत मिले पर अश्क साथ न बह चलेजो देखा मृत व्यक्ति को कितने  हाथ उमड़ पड़े(सारे पैसे निकल गए)क्योकि हम व्यक्ति है ........

बोलो क्या समझे ....

28 अक्टूबर 2015
6
10

दलबदलूश्वेत श्वेत बोरी में बेपेंदी ले लोटे नाच रहे संसद में सिक्के खोटे. नेता / आई. ए .एस ज्ञानियों के ज्ञान को परख रहे अज्ञानी खन खन से खेल रहे अतृप्त खिलाडी . माया माया की साड़ी का आँचल बहुत फ़ैल गया जिसने भी पहना वो इसमें ही लिपट गया . मिस इंडिया वो थोड़े कपडों में गई मिस वर्ल्ड हो गई वो थोड़े कपड़ो म

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए