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सुनील कुमार के लेख

समाज के प्रति हमारा दायित्व और जबाबदेहिता ............................................सुनील कुमार बामने

23 जून 2016
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       चलिए अब बात करते है, अपने सामाजिकदायित्व की । यह ठीक वैसा ही प्रश्न है, जैसा कि, एक संतान का अपने माता-पिता के प्रति क्यादायित्व और जवाबदेहीता होना चाहिये ।      वैसे आम तोर पर हमेशा बात लेने की आती है, जैसे- मुझे क्यामिलेगा, मुझे क्या दिया, मेरा क्या फायदाहोगा, मेरा क्या मतलबहै, मुझे क्यालेन

सुनील कुमार बामने- समाज के प्रति हमारा दायित्व और जबाबदेहिता

22 जून 2016
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       चलिए अब बात करते है, अपने सामाजिकदायित्व की । यह ठीक वैसा ही प्रश्न है, जैसा कि, एक संतान का अपने माता-पिता के प्रति क्यादायित्व और जवाबदेहीता होना चाहिये ।      वैसे आम तोर पर हमेशा बात लेने की आती है, जैसे- मुझे क्यामिलेगा, मुझे क्या दिया, मेरा क्या

सुनील कुमार बामने - समाज क्या हैं

22 जून 2016
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      स्‍वस्‍थ रीतियों-नीतियों को निर्धारित कर उसके निर्वाह तथाहमारी सामूहिक अनेक जटिलतम समस्‍याओं के निराकरण एवं निदान हेतु समाज की परम् आवश्‍यकतप्र‍तीत हुई । सामूहिक एकता एवं बन्‍धुत्‍व बनाये रखने, आपसी भेद-भाव मिटाने, शिष्‍टाचार एवं अनुशासन कायमकरने, सद्

भारतीय समाज व्यवस्था एवं शूद्र

22 जून 2016
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      डॉ. अम्‍बेडकर एक समाज सुधारक और समाज व्यवस्थामें क्रांतिकारी परिवर्तन का समर्थन करने वाले दार्शनिक थे । उनकी साधना बहुमुखीथी । उन्होंने सदियों से दलित समाज को आत्मविश्वास और आत्मगौरव से युक्त करने औरअस्पृश्यता निवारण के लिए भागीरथी प्रयास किया । वे एक ऐ

भारतीय समाज व्यवस्था एवं शूद्र

22 जून 2016
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      डॉ. अम्‍बेडकर एक समाज सुधारक और समाज व्यवस्थामें क्रांतिकारी परिवर्तन का समर्थन करने वाले दार्शनिक थे । उनकी साधना बहुमुखीथी । उन्होंने सदियों से दलित समाज को आत्मविश्वास और आत्मगौरव से युक्त करने औरअस्पृश्यता निवारण के लिए भागीरथी प्रयास किया । वे एक ऐ

जाना है मुझको शिरड़ी, रस्ता दो उस शहर की

16 सितम्बर 2015
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जाना है मुझको शिरड़ी, रस्ता दो उस शहर कीबरसात हो रही है, मेरे सांई के महर की -2शिरड़ी को मैं भी जाऊ, तन-मन भिगा के आउंसजदें में मेरे सांई, मैं तेरे ही गुन गाउंतुम ही हो मेरे मौला, तुम ही हो मेरे रब जीबरसात हो रही है मेरे.........तुझे हमसफर बनाउ, तुझसे मैं दिल लगाउमुझे इश्क है तुम्ही से, ये कैसे समझा

इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगे

16 सितम्बर 2015
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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नगमें सब मिल गाएंगेपंछी, बादल, पर्वत, नदियाँ सबको बताएंगीगांव का पीपल, आम की डाली, खेत की फसले भी लहराएंगीमीरा के दोहे, श्याम की बंशी ये समझाएंगीप्यार करो तो इनके जैसे सबको बताएंगीइस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नग

इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगे

16 सितम्बर 2015
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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नगमें सब मिल गाएंगेपंछी, बादल, पर्वत, नदियाँ सबको बताएंगीगांव का पीपल, आम की डाली, खेत की फसले भी लहराएंगीमीरा के दोहे, श्याम की बंशी ये समझाएंगीप्यार करो तो इनके जैसे सबको बताएंगीइस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नग

इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगे

16 सितम्बर 2015
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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नगमें सब मिल गाएंगेपंछी, बादल, पर्वत, नदियाँ सबको बताएंगीगांव का पीपल, आम की डाली, खेत की फसले भी लहराएंगीमीरा के दोहे, श्याम की बंशी ये समझाएंगीप्यार करो तो इनके जैसे सबको बताएंगीइस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नग

इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगे

16 सितम्बर 2015
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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नगमें सब मिल गाएंगेपंछी, बादल, पर्वत, नदियाँ सबको बताएंगीगांव का पीपल, आम की डाली, खेत की फसले भी लहराएंगीमीरा के दोहे, श्याम की बंशी ये समझाएंगीप्यार करो तो इनके जैसे सबको बताएंगीइस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नग

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