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ऋ षि गौड़ के बारे में

में एक शिक्षक हु मोटिवेशनल लेख पड़ना और लोगो को मोटीवेट करना अच्छा लगता है

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ऋ षि गौड़ की पुस्तकें

rishigaur

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अन्नत से एक और एक से अन्नत

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अन्नत से एक और एक से अन्नत

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darkee

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उजालो ने साथ ना दिया मेरा, मुझे तो बस इस अंधरे ने ही थामा है आ रहा हु में, हर दिल में अँधेरे का डर ला रहा हु में

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darkee

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उजालो ने साथ ना दिया मेरा, मुझे तो बस इस अंधरे ने ही थामा है आ रहा हु में, हर दिल में अँधेरे का डर ला रहा हु में

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darke

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कही लिखा होगा कही पढ़ा होगा कही कहा होगा कही सुना होगा

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darke

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कही लिखा होगा कही पढ़ा होगा कही कहा होगा कही सुना होगा

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ऋ षि गौड़ के लेख

28 मई 2016
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जिस दिन व्यक्ति अपने को विश्व के साथ एक अनुभव करता है उस दिन जो ध्वनि बरसती है वह है ओमकार  जिस दिन व्यक्ति का आकर से बंधा आकाश निररकर आकाश में गिरता है जिस दिन व्यक्ति की छोटी सी सीमित लहर असीम सागर में खो जाती  है  उस दिन जो संगीत का, मूल मन्त्र का अनुभव होता है उसी का नाम ओमकार है  एक संगीत जिसे 

फकीरा

6 दिसम्बर 2015
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वह वह रे मौज़ फकीरा दी वह वह रे मौज़ फकीरा दी                                कभी तो खाए चना-चावेना                                 कभी लापटा लेवे खीरा दी वह वह रे मौज़ फकीरा दीवह वह रे मौज़ फकीरा दी                                कभी तो ओढे शाल -दुशाला                                 कभी गुदड़ी-फटीया भीड

सूरज

6 दिसम्बर 2015
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सूरज रे जलते रहना सूरज रे जलते रहना                          करोडो की जिंदगी के लिए                           जगत की रोशनी के लिए सूरज रे जलते रहना सूरज रे जलते रहना                            लिखा है तेरे ही भाग्य में                            की तेरा जीवन रहे आग में सूरज रे जलते रहना सूरज रे जलते

नेम (नियम)

4 दिसम्बर 2015
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नेम जगावे प्रेम को प्रेम जगावे जीव जीव जगावे शूरता शूरता जगावे शिव                          तपेि सूरज से मिलते है                          तपना ज़मी को होता है                          निगाहे प्यार करती है                          तड़पना दिल को होता है तू तू करता तू भया तुझमे रहा ना तू वारी फेरी मे गय

संत कबीर दास

30 नवम्बर 2015
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"एक" ही है

30 नवम्बर 2015
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मे तुझे देखू , तू मुझे देख देखते देखते दोनों हो जाये एक  नज़रो ने नज़र से मुलाक़ात कर ली  रहे दोनों खामोश और बात कर ली                बस मेे और तू दोनों "एक" ही है                                  ---सूफी---

प्रज्ञा अपराध

30 नवम्बर 2015
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प्रज्ञा अपराध अर्थातः  सरस्वती का अपराध करना किसी का विचार अपने नाम लिखना किसी के चिंतन को अपने नाम बहा देना प्रज्ञा अपराध है                                                                                                                           --- शास्त्र ---

एक नन्द लाल एक महाकाल

29 नवम्बर 2015
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एक योगीश्वर एक भूतेश्वर एक नन्द लाल एक महाकाल                              एक मथुरा वृन्दावन वासी                              एक जंगल समशान निवासी एक लक्ष्मीपति एक पार्वतेपति एक जगतनाथ एक भूतनाथ                              एक श्यामअंग चन्दन केशर-कस्तूरी लगावे                               एक नीलकं

एक योगीश्वर एक भूतेश्वर

29 नवम्बर 2015
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एक योगीश्वर एक भूतेश्वर एक नन्द लाल एक महाकाल                              एक मथुरा वृन्दावन वासी                              एक जंगल समशान निवासी एक लक्ष्मीपति एक पार्वतेपति एक जगतनाथ एक भूतनाथ                              एक श्यामअंग चन्दन केशर-कस्तूरी लगावे                               एक नीलकं

हम १२६ करोड़

28 नवम्बर 2015
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एक सौ छब्बीस करोड़ की जेब में रखा एक रुपया कैसे कमजोर हो सकता है इस देश  में कोई कैसे गरीब हो सकता है राहुल गांधी ने सही कहा है  गरीबी एक मानसिकता है जब तक हमारे पैरो के नीचे धरती है और सर पे आकाश है तब तक कोई गरीब नहीं हो सकता इस धरती माँ की भी  माँ है प्रकृति जो सबके लिए सामान है जिसने सबको  सामान

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