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रंजन माहेश्वरी के बारे में

भारतीय तकनीकी संस्थान रूड़की से विष के शरीर पर प्रभावों पर किए शोध कार्य व शोध प्रकाशनों द्वारा समाज सेवा करने का प्रयास. देश-विदेश के कई उच्चस्तरीय संस्थानों में अध्यापन का अनुभव. वर्तमान में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा, राजस्थान में अध्यापन. छात्र जीवन से ही व्यवस्था की विद्रूपताओं पर व्यंग्य करने की आदत. इंटरनेट के सामाजिक जीवन में प्रवेश से अपनी रचनाओं को पाठकों तक पहुँचाने की लालसा.

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रंजन माहेश्वरी की पुस्तकें

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सामाजिक सजगता के लिए समर्पित

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10 रचनाएँ

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रंजन माहेश्वरी के लेख

अर्थगीता

22 नवम्बर 2016
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समस्त नरों में इन्द्र की भांति प्रतिष्ठित व मन में मोद भरने वाले श्री नरेन्द्र मोदी ने, विक्रम संवत 2073 के शुभ कार्तिक मास की नवमी में चन्द्रदेव के कुंभ राशि में प्रवेश के बाद, यानि दिनांक आठ नवम्बर 2016 को समस्त देशवासियों को पाँच सौ

दांपत्य का द्रोणगिरि

2 नवम्बर 2016
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भगवान राम ने अयोध्या लौटकर राजपाट संभाल लिया था. अयोध्या की जनता बेहद प्रसन्न थी कि आखिर रामराज्य आ ही गया. वैसे जो लोग भरत के राज्य में अपनी सेटिंग बिठा चुके थे, रामराज्य में भी खुश थे. आखिर राजा ही तो बदला था, बाकि सारे महकमे तो वैसे

श्राद्ध

17 सितम्बर 2016
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लाला चतुर्भुज अपने पिता की इकलौती संतान थे, अतः पिता की वणिक बुद्धि और व्यापार उन्हें पूरा पूरा मिला. पिता प्यार से उन्हें चतुर कहा करते थे, और वे यथानाम तथागुण चतुर ही थे. पिताजी के कड़वे तेल के धंधे को रिफाइंड आयल बिजनेस में बदलकर उ

विधि मंत्री की विकलाँग विधा

26 अगस्त 2016
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(यह लेख हमने कुछ वर्ष पूर्व लिखा था और कई स्थानों पर प्रकाशित हुआ था, परंतु भारत देश में घोटाले, घोटालेबाज व घोटालागाथाएँ, धर्म की भांति सनातन हैं, अतः यह लेख आज भी सामयिक है, सुधी पाठकों की सेवा में इस वेबसाईट पर भी समर्पित)कुछ समय प

भक्ति

28 जुलाई 2016
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आज से लगभग चालीस साल पहले, ना तो गाँव शहर की चमक दमक पर जुगनू से दीवाने थे, ना शहर गाँव को लीलने घात लगाये बढ़ रहे थे. शहर से गाँव का संपर्क साँप जैसी टेढ़ीमेढ़ी काली सी सड़क से होता था, जिससे गाँव का कच्चा रास्ता जुड़कर असहज ही अनुभव करता था. गाँव की ओर आने वाली सड़क कच्ची व ग्राम्यसहज पथरीला अनगढ़

गायतोंडे जी का गाय गौरव संवर्धन

22 जुलाई 2016
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गायतोंडे जी हमारी सरकार में दो दो विभागों के मंत्री हैं. संस्कृति मंत्रालय और पशुपालन मंत्रालय का पूरा पूरा दायित्व उनके कंधों पर है. भगवान जानता है कि उन्होंने दोनों मंत्रालयों के बीच कोई भेद नहीं किया है. दोनों को अपनी पूर्ण क्षमता से दुहा है. अक्सर उनको दोनों मंत्रालयों के विभिन्न कार्यक्रमों में

लड़की देखन आये लड़का वाले

16 जुलाई 2016
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लड़की देखन आय रहे, लड़का वाले लोग,दादी के पकवानों का, लगा रहे सब भोग.सबसे पहले केरी के, शरबत की तरावट,पनीर टिक्का चटपटा, दूर करे थकावट.फिर आया मशरूम संग, मटर भरा समोसाथोड़ी देर में दादी ने, परसा मद्रासी डोसा.पेट भरा पर जीभ तो, मांगे थोड़ा और,डिनर में व्यंजनों का, फिर चला इक दौर.भरवां भिंडी संग लगी, मिस्

नेता लोग के बच्चों का बाल (बाढ़) गीत

11 जुलाई 2016
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हर साल आने वाली बाढ़ हमारे प्रदेश के नेता लोग के बच्चों के लिए मनोरंजन का एक विलक्षण माध्यम है. प्रस्तुत कविता में एक नेता के बच्चे की मानवीय संवेदना से ओत-प्रोत बालसुलभ लालसा का वर्णन किया गया है. नेताजी के बच्चे की बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में लोकप्रियता बढ़ाने के लिए इस कविता को कक्षा पाँच के पाठ्यक

नया सुदामा चरित

30 जून 2016
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सुदामा शुक्ला गरीब परिवार के तथा बचपन से ही भीरू प्रकृति के व्यक्ति थे. रही सही कसर धर्मपत्नी के तेजतर्रार स्वभाव ने पूरी कर दी. सुकुलाइन का मायका भी गरीब ही था, पर शुक्ला जी के सरकारी इंटर कॉलेज में व्याख्याता होने के गर्व ने सुकुलाइन पर रौबदाब का मुलम्मा चढ़ा दिया. सुकुलाइन की नित नयी माँगों को, का

पति: उत्पत्ति से विपत्ति तक

26 जून 2016
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यूं तो इस रंग-रंगीली दुनिया में भांति भांति के जीव, जन्तु, वनस्पति इत्यादि भोजन के लिये पहले से ही उपलब्ध हैं. प्रतिदिन कोई न कोई शिकारी किसी जीव का शिकार करता है और अपनी क्षुधानिवृत्ति कर अगले दिन नये शिकार की तलाश में जुट जाता है. पर जैसे-जैसे मानवीय मस्तिष्क ने उन्नति की, रोज रोज बाहर शिकार करने

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