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दीनदयाल सुमन के बारे में

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दीनदयाल सुमन की पुस्तकें

दीनदयाल सुमन के लेख

दीनदयाल सुमन

2 अगस्त 2016
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खाना बनाना और खाना बना कर खिलाना, विश्वास कीजिये, खाना बनाना किसी योगकर्म से कम नहीं एक बेहद सहज-सरल-सुगम मूर्त तत्व कर के देखिये ! खाना बनाना किसी यज्ञ से कम पावन व हितकारी नहीं है,  इसे जरा समझिये और फिर स्वयं कर के देखिये। 

deendayalsuman

30 जुलाई 2016
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बचपन, प्रारंभिक अवस्था, शैशव, बाल्यावस्था, प्रथम अवस्था को बनाने और सँवारने का  दायित्व सर्वप्रथम प्रकृति माता और परम पिता परमात्मा  स्वयं निभाते है ततपश्चात  माता-पिता,  भाई-बहिन सगे संबंधी,  गुरुजन  बारी-बारी से अपनी-अपनी भूमिका अदा  करते है ! बचपन  कच्ची अवस्था होती  उसको आप जैसा चाहो  बना सकते ह

दीनदयाल सुमन

27 जुलाई 2016
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संगठन शक्ति, मन्त्र शक्ति, नारी शक्ति, यंत्र शक्ति, तंत्र शक्ति, रासायनिक शक्ति , आण्विक शक्ति, जैविक शक्ति, आध्यात्मिक शक्ति , श्रद्धा और विश्वास की शक्ति, सच्चाई और अच्छाई  की शक्ति, परमात्मा की शक्ति,  बालपन  की अचूक शक्ति, शक्ति - साधनो की शक्ति , जमीन-जायजाद और धन - सम्पदा की शक्ति , पद -वर्दी

दीनदयाल सुमन

25 जुलाई 2016
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दीनदयाल सुमन

21 जुलाई 2016
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युवाओं का  आत्महत्या करने के पीछे     कौन सी मज़बूरी और क्या कारण है ?  हमने समझने की कभी कोशिश की ........

दीनदयाल सुमन

20 जुलाई 2016
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तन - मन दूषित करने वाले ,                          नग्नता दृष्टि में भरने  वाले ,                         विज्ञापन  पर तुम प्रतिबन्ध लगा सकते हो |  बढ़ती जनसँख्या हमारे जीवन के  हर पक्ष को प्रभावित करती है !  जय किसान ~जय जवान 0   उत्तर दीजिये  0   साझा कीजिये। ........................              

जल है तो कल है good...........में साधारण इंसान हू

19 अप्रैल 2016
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हमें आपकी परवाह है

15 अप्रैल 2016
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मैं देखता हू रोज इंसानियत को तार-तार करने वाले चेहरे चेहरे और बदरंग चेहरे !!

14 अप्रैल 2016
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मैं देखता हू रोज इंसानियत को तार-तार करने वाले चेहरे चेहरे और बदरंग चेहरे !!

14 अप्रैल 2016
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