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मांडवी के लेख

बॉलीवुड मूवीज और मनोवैज्ञानिक समस्याएं

31 अगस्त 2016
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बॉलीवुड विश्व की सब बड़ी फिल्म इंडस्ट्री है, और ये एक ऐसा स्तर हैं, जो हमारे समाज और उनके लोगों को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। हर शनि और रविवार को मल्टीप्लेक्स की टिकट विक्रय इसका प्रमाण है। हमारी युवा पीढ़ी बॉलीवुड के सितारों से प्रभावित है, यहाँ तक की बुज़ुर्ग और बच्चे भी। बड़ी संख्या में दर्शकों

सेल्फ़ी क्या है? और युवा इसके पीछे पागल क्यों हैं?

28 अगस्त 2016
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आइये मिलते है नेहा से एक २० वर्षीय युवती है जिसे सेल्फ़ी लेने की आदत सी है वह जहां जाती है वहाँ अपनी 4-5 सेल्फ़ी लेती है, और फिर उन्हें अपने दोस्तों और रिश्तेदारो के बीच दिखाती (शेयर करती) है। दोस्तों नेहा सिर्फ एक उदहारण है कि आज के युवाओं में सेल्फ़ी का कितना क्रेज है,हर सेकंड अकेले फेसबुक पर दस

इमोशनल ब्लैकमेलिंग से कैसे निपटें?

26 अगस्त 2016
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जानू ! क्या तुम नही चाहते, मैं पार्टी में सबसे अलग दिखूं ! मेरी सारी ड्रेसेस ओल्ड फैशन की हो गयीं हैं, तो प्लीज़! मेरे लिए नई ड्रेस ला दो। शीतल ने राहुल से प्यार भरे अंदाज़ में कहा। ऐसा अक्सर होता था, जब भी शीतल को अपनी कोई बात मनवानी होती, तो वह किसी न किसी तरह से अपनी बात मनवा कर ही रहती, राहुल ज

हम काल्पनिक कहानियां क्यों पढ़ते हैं?

23 अगस्त 2016
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हम अपनी सोच और भावनाओं को पंख देने के लिए काल्पनिक कथा और कहानियां पढ़ते हैं। कल्पना की दुनिया अनोखी होती है; उसका वास्तविक घटना और लोगों से मेल होता भी है, और कभी कभी नहीं भी होता। पर काल्पनिक चरित्र और लोग हमें अकसर प्रभावित करते हैं।हम उनके साथ जुड़ते हैं, उनसे मेलजोल करते हैं, और देखते ही देखते

क्या सेक्स के प्रति लोगों का जोश घट रहा है ?

22 अगस्त 2016
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हैरानी की बात है, ऐसे युग में, जहां सेक्स के बारे में हर जगह से हमें पूरी जानकारी मिल रही है, ताकि इस विषय पर कोई भी अज्ञात ना रहे, हमारे रोज़ के जीवन में इस स्वाभाविक प्राकृतिक हरकत का घटाव नज़र आ रहा है।सांख्यिकीय रूप से जांच करने पर पता चलता है, की 16-44 वर्षीय लोगों में, महिलाएं महीने में ४.५ बा

उदास धुनों को सुनना हमें क्यों अच्छा लगता है?

21 अगस्त 2016
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क्या आपने कभी महसूस किया है कि उदास धुनों या संगीत को सुनना आपको अच्छा क्यों लगता है?अरे भई, आप अकेले नहीं हैं! अधिकतर लोग हैं, जिन्हे उदास धुनों को सुनना अच्छा लगता है। लेकिन इन धुनों को सुनकर वे दुखी नही होते इतना तो पक्का है।ऐसा क्यों होता है?जब आप दुखी या उदास होते हैं, तो आपको भूख नही लगती और

भावनाओं को समझने की कला

19 अगस्त 2016
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दूसरों को समझने के लिए उनके जज़्बातों को नाम देना ज़रूरी है।"मैं तंग आ चुकी हूँ... अब और नहीं, मैंने सोच लिए है, की मैं उससे जल्द ही ब्रेक अप कर लूंगी", ऐसी बातें हमको रोज़ सुनने को मिलती हैं। हमारे दोस्त हमसे अपने दिल की बात करते हैं। ऐसी स्थिति में, हम कैसा जवाब देते हैं? ज़्यादा तर समय हम कहते हैं "त

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें

14 अगस्त 2016
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प्रिय दोस्तोंभारत आज स्वतंत्रता की ७० वां सालगिरह मना रहा हैं, इस अवसर पर आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें । और हमने खास तौर से यह एक एनीमेशन तैयार किया है, इसे देखिये और अच्छा लगे तो शेयर करिये ।जय हिन्द |एनीमेशन

अब चारों तरफ है इसका शोर

13 अगस्त 2016
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 प्रिसमा! प्रिसमा! प्रिसमा! चारों तरफ इन्टरनेट पर इसका शोर है। फेसबुकऔर ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्क साइट्स पर इसकी चर्चा ज़ोर शोर से चल रही है।इस ऐप के माध्यम से आप अपनी शक्ल को एक सुन्दर छवि का रूप दे सकते हैं।किसी चित्रकार से रची तस्वीर के सामान आपकी छवि भी सौंदर्य प्राप्त करेगी।पर ये सिर्फ एक तस्वीर

मेन्टल हेल्थकेअर बिल 2013

11 अगस्त 2016
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 भारत अब धीरे धीरे स्वच्छ बन रहा है। कलंक और गलत भावनाओं से मुक्त होने के लिए भारत सरकार ने अहम कदम उठाया है, मेन्टल हेल्थ केयर बिल 2013 को राज्य सभा ने सोमवार को  पास किया है, और उसे जल्द ही लोक सभा में भी पढा जाएगा।पिछले दिन quora में किसी ने मुझसे पूछा, कि वह  एसपर्जर सिंड्रोम (Asperger’s Syndrom

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