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मंशी के बारे में

में रहूँ या ना रहूँ मेरी रचनाएँ आपको हमेशा यहाँ मिलती रहेगी •-----भाई मंशीराम देवासी

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मंशी की पुस्तकें

मंशी के लेख

नमस्कार 🙏🙏

21 मार्च 2016
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मिठा शब्द में बोलु ज्यौं बोलें हैं मोरसुण म्हारा शब्द लोग कहे शब्द थाणा हैं जोरगांव मे रेवै सब भला लोगसिटी मे सब जणा लागे चोरडोकरा तो अबे मौन धारलियोटाबरिया मचावै अबै शौरभलाई रो कोनी समयबुराई छाई चारो औरसागर गणौ गहरौ निलो हैं गगनसुण मंशीराम देवासी राशब्द सब जणा हो ज्यांवै  मगनशहर

नमस्कार 🙏🙏

21 मार्च 2016
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मिठा शब्द में बोलु ज्यौं बोलें हैं मोरसुण म्हारा शब्द लोग कहे शब्द थाणा हैं जोरगांव मे रेवै सब भला लोगसिटी मे सब जणा लागे चोरडोकरा तो अबे मौन धारलियोटाबरिया मचावै अबै शौरभलाई रो कोनी समयबुराई छाई चारो औरसागर गणौ गहरौ निलो हैं गगनसुण मंशीराम देवासी राशब्द सब जणा हो ज्यांवै  मगनशहर

नशा नाश कि जड़ हैं!!

19 मार्च 2016
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धरती माँ रे गोद में ना जाने  किता जीवों ने जन्म लियो पण अपनी बुद्धि रे कारण मानव जीव ने सर्वश्रेष्ठ स्थान पायो -•-माँ धरती ने भी मानव को अपना प्रथम और अतिउत्तम पुत्र के रुप मे स्वीकारा ईतना ही नहीं माँ ने मानव को पुत्र के रूप में पाकर अपने आप को धन्य व भाग्यशाली  माना -•-इसलिए अप

जन - जीवन

19 मार्च 2016
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जन -जीवन सुना है पण सुन्दर है,म्हारे गांव रा कांकड़मोकळा जिनावर रैवे,डाल-डाल फांके मांकड़मोटिहारा रो कांई कैवणौ,नेन्हा-नेन्हा टाबर हैं धाकड़सुबह -शाम रे कलेवा मे,जिमे अठे बाजरा रो खिचड़प्याला भर-भर पिवै अठे,घणौ सवाध्दिष्ठ लागै राबड़राजस्थान रे राज्य पशु,ऊंट री गणी लम्बी गाबड़धीरज सूँ स

आरक्षण को खत्म करों

19 मार्च 2016
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हा हा कार मचा हैं चारों ओर आरक्षण की आग लगी हैअपनी आँखों से देख लों अब तो  सुरत भी जलने लगीं हैं गुर्जर ,, पटेलो की बात नहीं यह  बीमारी सभी को लगने लगी हैं उठ गया भरोसा  ज्ञान से अब मेहनत भी फीकी लगने लगी हैंहा हा कार मचा हैं चारों ओर आरक्षण की आग लगी हैआतंकवाद को तो  देखा हमनेअब

अपने अपने विचारों का ढ़ग !!!

19 मार्च 2016
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विचार कर लिखणौअर विचार कर बोलणौदोनू ही न्यारी -न्यारीबांता हैं दोना मे हीजमीन असमान रो फर्क हैं विचार कर लिखणौ तो  ईतौआसान है ज्यूं जमीन माथे हाळणौविचार कर बोलणौ ईतौ मुश्किल है ज्यूं असमान मे उड़णौहाल मे कोई स्टेज प्रोग्राममे दाखिल हुयौ कोनीपण म्हारा विचार पूजनीय हैंया राय म्हनैं

विचार ही मस्तिष्क की खुराक हैं,,इसलिए विचार करते रहो ।

18 मार्च 2016
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ये तो मेरे विष्णु जी की लिला हैं

18 मार्च 2016
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आ तो म्हारे सावंरिया री लिला हैंआ तो म्हारे विष्णु री लिला हैंबुद्धिजीवी बनने का अवसर मिला हैमनुष्य जन्म का मौका मिला हैने करो हत्या मानव तुम जानवरों को भी जीवन जिने के लिये मिला है •--उन्हें भी लाल हमें भी लालएक समान खून मिला है आ तो म्हारे सावंरिया री लिला हैंसात रंगों रो मेल अ

समाज की पिड़ा

18 मार्च 2016
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राम राम सा •--में मंशीराम देवासी ( बोरुन्दा  )एक बार फिर में आपके सामने प्रस्तुत करता हूँ मेरे मन की बहुतगहरी पिड़ा जो ने जाने कितने परिवारों को पिड़ीत कर चुकी हैं,जिण री जिम्मेदार आज री युवा पीढ़ी हैं •---जितनी बड़ी यह समस्या है उतनी बड़ी पिड़ा हैं,,हर समाज मे बहुत तेजी से बढ़ रही इ

सिख मानवता री

18 मार्च 2016
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बे धड़क एक बार फिर में आ रहा हूँ •--अपनी खास नवीनतम रचनाओं के साथ •--कुछ बनना चाहते हो तो रास्ते पर कदम बढ़ाते रहेनाजितना हो सके प्राप्त उतना करते रहेनामेरी खूब रचनाएँ प्रस्तुत हैंदेश भक्ति पर,बदलती हुई संस्कृती पर,मायड़ भाषा वे भौम पर,किसानों वे मजदूरों पर,मानवता और जीवन शैली पर,न

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