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Shishupal के बारे में

मेरा नाम शिशुपाल कुमार पेशे से मैं जर्नालिस्ट हूँ कानपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं।

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Shishupal की पुस्तकें

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देखिए आपको लगता है उसने गलत किया लेकिन अगर हम उनसे पूछे तो वो भी कहेंगे की नहीं मैंने सही किया अगर उन्हें लगता की ये गलत है तो

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<p><span style="color: rgb(29, 33, 41); font-family: helvetica, arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 19.32px;">देखिए आपको लगता है उसने गलत किया लेकिन अगर हम उनसे पूछे तो वो भी कहेंगे की नहीं मैंने सही किया अगर उन्हें लगता की ये गलत है तो

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Shishupal के लेख

व्यवहार की कुशलता के गुप्त रहस्य

14 जुलाई 2016
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गुप्त रहस्य छिपाये रखिएन दूसरों से इतने खुल जाइये कि दूसरों को आपमें कुछ आकर्षण ही नहीं रहे, न इतने दूर ही रहिये कि लोग आपको मिथ्या अभिमानी या घमंडी समझें। मध्य मार्ग उचित है। दूसरों के यहाँ जाइये, मिलिए किन्तु अपनी गुप्त बातें अपने तक ही सीमित रखिए। “आपके पास बहुत सी उपयोगी मंत्रणायें, गुप्त भेद, ज

क्या भगवान है

9 जून 2016
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कई लोग अज्ञानता वमान-गुमान वश प्रश्न करते हैं कि क्या भगवान का अस्तित्व है ? यदि है तो भगवान को किसने बनाया ? भगवान हैं तो कहाँहैं ? भगवान हैं तो दिखते क्यों नहीं ? दिखते नहीं इसका मतलब तो यही होना चाहिए कि भगवान हैं ही नहीं । आदि ।पिछले लेखों में हमबता चुके है कि हर चीज को बनाने वाला कोई न कोई होता

जीवन मे सफलता प्राप्‍त करने के लिए या लोकप्रिय बने रहने के लिए हैं।

9 जून 2016
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आत्मैवह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मनः।।आप ही अपना उद्धार करना होगा। सब कोई अपने आपको उबारे। सभी विषयोंमें स्वाधीनता, यानी मुक्ति की ओर अग्रसर होना ही पुरुषार्थ है।जिससे और लोग दैहिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वाधीनता की ओरअग्रसर हो सकें, उसमें सहायता देना और स्वयं भी उसी तरफबढ़ना ही परम पुरुषार्थ है

व्यक्तित्व का विकास

7 जून 2016
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आत्मैवह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मनः।।आप ही अपना उद्धार करना होगा। सब कोई अपने आपको उबारे। सभी विषयोंमें स्वाधीनता, यानी मुक्ति की ओर अग्रसर होना ही पुरुषार्थ है।जिससे और लोग दैहिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वाधीनता की ओरअग्रसर हो सकें, उसमें सहायता देना और स्वयं भी उसी तरफबढ़ना ही परम पुरुषार्थ है

जीवन मे सफलता प्राप्‍त करने के लिए या लोकप्रिय बने रहने के लिए हैं।

3 जून 2016
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जीवन मे हम प्रतिक्षण नवीन अनुभव प्राप्‍त करते हैं और हमें प्रतिक्षण कई लोगो से मिलना होता है, अत: जीवन मे सफलता प्राप्‍त करने के लिए या लोकप्रिय बने रहने के लिए हैं।<!--[if !supportLists]-->1.     <!--[endif]-->हमेशा मुस्कराते रहिए। प्रसन्‍नता व मुस्कराहट बिखेरने वाले लोगो के सैकडो मित्र होते है। को

सफल व्यक्ति बनने के 10 मन्त्र

2 जून 2016
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आप भीस्वयं को सही रूप मे समझने का प्रयत्न कीजिए, स्वयंका समुचित मूल्यांकन कीजिए और उसके बाद स्वयं को उसके अनुसार बदलने का प्रयासकीजिए। इन सब के लिए अपने मस्तिष्क को निम्न 10 प्रभावशालीतथ्यो से बारम्बार स्मरण कराते रहिए-1. अपने को स्वीकार कीजिए- आप जोभी है, जैसेभी है, जहांभी है उसी रूप मे अपने को स्व

बलिष्ठ आत्मा

28 मई 2016
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हम सभी आत्माओ को स्वयं भगवान सम्मान दे रहे हैं । सोचो, जिन्हे भगवान सम्मान देते हैं वह भला मनुष्यो से मान की कामना क्यों करे । जिस शक्ति ने यह सभी कामनाये समाप्त कर दी थी । वह ऐसी रोयल्टि में स्थित हो गये थे जिन्हे किसी से कुछ भी नहीं चाहिए था । हम भी अपने संस्कारो को बहुत रोयल बनाये और इसका आधार है

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