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दीनानाथ के बारे में

दुनिया जगाने आया मै

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दीनानाथ की पुस्तकें

दीनानाथ के लेख

शिक्षा का अर्थ भुलाकर - धन का संयोजन ।‏

5 अक्टूबर 2016
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मंदिर वैदिक काल में एक ऐसी जगह होती थी जहाँ समाज का सबसे बुद्धिमान ब्यक्ति रहता था एवं वो उस समाज की गतिविधियों को देखते हुए आगे की रणनीति तय करता था। अपने अपने समाज की उन्नति के लिए लोग मन्दिरों में इच्छानुसार दान देते थें ताकि उस विद्वान को समाज के हित हेतु किये जा रहे

शिक्षा ब्यवस्था

5 अक्टूबर 2016
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देश भर में शिक्षा ब्यवस्था को लेकर असंतोष का माहौल है और शिक्षा ब्यवस्था के सुधारों के लिए उठाये जाने वाले कदमों में केंद्र व राज्य सरकारों की रुचि उदास करने वाली है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है की किसी भी देश की ताकत उसकी शिक्षित जनता ही होती है, अगर देश का हर ब

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