जब घना अँधेरा हो
जब घना अँधेरा हो, जब दूर सवेरा हो
जब घोर उदासी हो, जब मति विनाशी हो
जब साथ हो सब लेकिन, तू खुद में अकेला हो
रख याद किन्ही रातो का तुजे देख उजाला हो
तू बन तुफानो सा, रुख मोड दिशाओ के
जीवन में वही काबिल है गिर के जो संभलता हो
सूरज नहीं वो है एक तारा जो खुद न चमकता हो