नीरज चौहान
2 किताबे ( 2 हिंदी )
1 लेख ( 1 हिंदी )
हिंदी को माँ की तरह समझता हूँ . हिंदी जैसे मेरा कर्मक्षेत्र हैं, रणक्षेत्र हैं . लिखना बेहद पसंद हैं.
neerajchauhan
तुम्हे देने को मेरे पास ना रूपए हैं ना पैसे हैं . सिर्फ शब्द हैं . बस यही एक चीज़ हैं जो मैं आपको दे सकता हूँ . तुम्हारे दिल में उतर सकता हूँ . मेरे शब्द ही तुम्हारी परवाह हैं . जब भी लिखूंगा, बन आंसू बहूँगा ...
neerajchauhan
तुम्हे देने को मेरे पास ना रूपए हैं ना पैसे हैं . सिर्फ शब्द हैं . बस यही एक चीज़ हैं जो मैं आपको दे सकता हूँ . तुम्हारे दिल में उतर सकता हूँ . मेरे शब्द ही तुम्हारी परवाह हैं . जब भी लिखूंगा, बन आंसू बहूँगा ...