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जयति जैन - नूतन - के बारे में

लोगों की भीड़ से निकली साधारण लड़की जिसकी पहचान बेबाक और स्वतंत्र लेखन है !जैसे तरह-तरह के हज़ारों पंछी होते हैं, उनकी अलग चहकाहट "बोली-आवाज़", रंग-ढंग होते हैं ! वेसे ही मेरा लेखन है जो तरह -तरह की भिन्नता से - विषयों से परिपूर्ण है ! मेरा लेखन स्वतंत्र है, बे-झिझक लेखन ही मेरी पहचान है !! युवा लेखिका, सामाजिक चिंतकजयति जैन "नूतन"पति का नाम - इं. मोहित जैन ।1: जन्म - 01-01-19922: जन्म / जन्म स्थान - रानीपुर जिला झांसी 3: स्थायी पता- जयति जैन "नूतन ", 441, सेक्टर 3 , शक्तिनगर भोपाल , पंचवटी मार्केट के पास ! pin code - 4620244: ई-मेल- Jayti.jainhindiarticles@gmail.com5: शिक्षा /व्यवसाय- डी. फार्मा , बी. फार्मा , एम. फार्मा ,/ फार्मासिस्ट , लेखिका6: विधा - कहानी , लघुकथा , कविता, लेख , दोहे, मुक्तक, शायरी,व्यंग्य7: प्रकाशित रचनाओं की संख्या- 450 से ज्यादा रचनायें समाचार पत्रों व पत्रिकाओ में प्रकाशित 8: प्रकाशित रचनाओं का विवरण - जनक्रति अंतराष्ट्रीय मासिक पत्रिका में,सामाजिक लेखन, राष्ट्रीय दैनिक, साप्ताहिक अख्बार, पत्रिकाये , चहकते पंछी ब्लोग, साहित्यपीडिया, शब्दनगरी, www.momspresso.com व प्रतिलिपि वेबसाइट, international news and views.com (INVC) पर !9: सम्मान-- श्रेष्ठ नवोदित रचनाकार सम्मान से सम्मानित !- अंतरा शब्द शक्ति सम्मान 2018 से सम्मानित !- हिंदी सागर सम्मान- श्रेष्ठ युवा रचनाकार सम्मान- कागज़ दिल साहित्य सुमन सम्मान- वुमन आवाज़ अवार्ड 2018- हिंदी लेखक सम्मान- भाषा सारथी सम्मान10: अन्य उपलब्धि- बेबाक व स्वतंत्र लेखिका ! हिंदी सागर त्रेमासिक पत्रिका में " अतिथि संपादक " 11:- लेखन का उद्देश्य- समाज में सकारात्मक बदलाव !12: एकल संग्रह - वक़्त वक़्त की बात ( लघुकथा संग्रह, 20 पृष्ठ) एकल संग्रह- राष्ट्रभाषा औऱ समाज (32 पृष्ठ)साझा काव्य संग्रहA- मधुकलश B- अनुबंधC- प्यार

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जयति जैन - नूतन - की पुस्तकें

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जयति जैन - नूतन - के लेख

किस ओर जा रहे हैं हम

11 जुलाई 2019
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सैफीना के बच्चे को जब मीडिया ने खाने-पीने से लेकर, उठने बैठने तक की बे-बुनियादी खबरों में बार-बार दिखाया तो ना जाने क्यों मुझे मरते बच्चों का चेहरा बार-बार याद आया। हां बच्चे ही तो थे, अपने थोड़ी थे, ना उस दोगली मीडिया के थे। ये बच्चे त

सुषमा स्वराज- सर्वश्रेष्ठ भारतीय महिला राजनीतिज्ञ

23 अप्रैल 2018
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भारत की पहली महिला विदेश मंत्री , दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राजनीति क दल की पहली महिला प्रवक्ता ... इसमें कोई दोराय नहीं है कि सुषमा स्वराज जैसी कोई और विदेश मंत्री पहले भारत

कविता- जीएसटी

10 सितम्बर 2017
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मैं सो रही थी मुझे उठाया गया,नींद में ही गाडी में बैठाया गया !होश में आती उससे पहले ही बताया गया, व्यापारियों का खून चूसने जीएसटी लगाया गया !अधिकारी के दफ़्तर संग लाया गया,टेक्स का सारा दुख जताया गया !टेक्स का सारा दुख जताया गया,मुझे अधिकारी के दफ़्तर लाया गया !बोले पहल तुम करोगी हमारी,दलदल में मुझ बे

यादों के निशान

30 जुलाई 2017
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कुछ चली कुछ रुकी शायदमुझसे कुछ कह रही थीवो यादो की तेज़ हवामेरे लिये ही बह रही थीमैं रोकती भी तो केसे उसेवो लहर जो दिल में उठी थीगहरी इतनी की सागर भी समा जाये तूफ़ान ऐसा कि सब उडा ले जायेमेरी आंखे जो अश्रू से भरी थी बारिश के पानी सी तेज बरसी थींबस उज़डे गुलिस्तां क

एक आम लड़की -कविता

28 जुलाई 2017
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सपने बुनतीआसमान छूने केग़म में मुस्कुरातीएक आम लड़कीकुछ कहती कुछ सुनतीअपनों को खुश रखतीकभी सहम जाती तेज हवाओ सेकभी तूफ़ान से जूझतीएक आम लडकीदुनिया की भीड़ मेंअसहाय, लड़खडाई-सीउठकर गिरी, आन्सू छलकातीगिरकर उठी, ज्वाला बनतीएक आम लड़कीअमीरो जेसी शानदौलत नहीं चाहतीथोडा प्यार थोड

*धारा 370* जरूर जानिए... क्युं होती है बहस

1 मई 2017
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जम्मू- कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है । जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5वर्ष का होता है । जम्मू-कश्

जयति जैन

19 अप्रैल 2017
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मेरे विचार .....

कुछ की आदत होती है

19 अप्रैल 2017
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आधे लोग तो बस इसीलिये बक बकाने लगते हैं कि - लडकी है और इतना बोल गयी... लडकी है और इतना कर गयी... इतने लड़को को सुना दी ! फ़िर कुछ सोचते हैं केसे भी करके इसकी आवाज़ दबा दे ... बस यही वो सबसे बडी भूल कर जाते हैं ! उन्हे लगता है जेसे उनकी घर की औरते हैं विजि ही और है क्युकिं

बस 2 मिनट

12 अप्रैल 2017
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आराम से बैठ कर सोचिये…थोडा अतीत में जाइये, देखिये एक मस्तमोला इसान जो कभी आप हुआ करते थे, वो इंसानजो छोटी छोटी बातों में खुशियों को ढूढ लेता था ! जिसे किसी खास वज्ह की जरुरत नहीं होती थी, अपनों से पुराने दोस्तों से बात करने में ! अब हैं क्या आप वही ??? नहीं यही जबाब मिले

90% पुरूषो को ही हार्ट अटैक क्युं आते हैं ?

5 अप्रैल 2017
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90% पुरूषो को ही हार्ट अटैक क्युं आते हैं ? मेरा जबाब- कई वज्ह है : हिचकिचाहट, घबराहट, उनका नाकामयाबी का डर, लोग क्या कहेगे, उनका ईगो, शर्मिन्द्गी, परिवार को क्या लगेगा, उन्हें क्युं परेशान करे , मर्दानिगी को ठेस पहुचेगी ...आदि... सबके साथ अलग अलग स्थिति होती हैं !! सबसे बडा होता है उनका ईगो, कि ह

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