shabd-logo

डॉ हरेश्वर के बारे में

डॉ. हरेश्वर रॉय, प्रोफेसर ऑफ़ इंग्लिश, शासकीय पी. जी. महाविद्यालय सतना, मध्य प्रदेश.

no-certificate
अभी तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है|

डॉ हरेश्वर की पुस्तकें

hareshwar

hareshwar

यह पेज मेरी स्वलिखित कविताओं के प्रकाशन के लिए आरक्षित है

0 पाठक
13 रचनाएँ

निःशुल्क

hareshwar

hareshwar

यह पेज मेरी स्वलिखित कविताओं के प्रकाशन के लिए आरक्षित है

0 पाठक
13 रचनाएँ

निःशुल्क

hroy

hroy

यह पेज मेरे संस्मरण लेखन के लिए आरक्षित है .

0 पाठक
0 रचनाएँ

निःशुल्क

hroy

hroy

यह पेज मेरे संस्मरण लेखन के लिए आरक्षित है .

0 पाठक
0 रचनाएँ

निःशुल्क

डॉ हरेश्वर के लेख

अइसन करिह जनि नादानी

22 दिसम्बर 2017
2
0

गउआँ छोड़ि शहर जनि जइहहोइ ख़तम निशानीजवानी खपि जाइ बचवा.अइसन करिह जनि नादानीजवानी खपि जाइ बचवा .खेत छुटि खरिहान छुटिआ छूटिहें बाबू माईअंगना दुअरा सब छुटि जइहेंछूटिहें छोटका भाईफूट-फूट के रोइब बबुआहो जइब बेपानीजवानी खपि जाइ बचवा .गली गली मीरजा

गजबे बा इ देश

22 दिसम्बर 2017
1
0

गजबे बा इ देश रे भइया खल खल के गीत गावेला ।सत्य बुद्ध के कहाँ गइल उपनिषद के शांति कहाँ गइल राष्ट्रपिता के अहिंसा कहाँ भगत के क्रांति गइल ।उज्जर झक खादी के ऊपर छलिया दाग लगावेला ।पंचायत के चौपालन परपांचाली के चीर हराता लाशन के टीला पर बइठल

हमार गाँव

22 दिसम्बर 2017
0
0

हमर गऊआँ गजब अलबेलाउदास कभी होखे ना देला ।ओहि मोरा गऊआँ में बलवाँ बधरियाधानी चुनरिया में लागे बहुरिया दोल्हा पाती ओहिजे जमेलाउदास कभी होखे ना देला ।ओहि मोरा गऊआँ में चाना के पु

गजबे बा इ देश

19 सितम्बर 2017
3
2

गजबे बा इ देश रे भइया खल खल के गीत गावेला । सत्य बुद्ध के कहाँ गइल उपनिषद के शांति कहाँ गइल राष्ट्रपिता के अहिंसा कहाँ भगत के क्रांति गइल । उज्जर झक खादी के ऊपर छलिया दाग लगावेला । पंचयत के चौपालन पर पांचाली के चीर हराता लाशन के टीला प

हमार गांव

19 सितम्बर 2017
1
0

हमर गऊआं गजब अलबेलाउदास कभी होखे ना देला । ओहि मोरा गऊआं में बलवां बधरियाधानी चुनरिया में लागे बहुरिया डोल्हा पाती ओहिजे जमेलाउदास कभी होखे ना देला । ओहि मोरा गऊआं में चाना के पुलिया मछरी फँसावे ला लागेला जलियाओकर पीपर त लागे झुमेला उदा

चंदा के ले आव ना

19 सितम्बर 2017
1
2

ए कोइलरी! आव ना। मिसिरी जस गीत सुनाव ना ॥ तरवाईल तन के उजास मन के मिठास मरुआईल बा।अंदर तक खालीपन पसरलसाख पाँख लरुआईल बा । तितली रानी! आव ना ।अपना संगे उड़ाव ना ॥ बाबूजी भइलन मरियाठी माई माँस के गठरी ।बिकी

गजब हो गइल

19 सितम्बर 2017
0
0

माई घरे तोरा कहयिनी सासु घरे रउरा गजब हो गइलभइनी गउरी से गउरागजब हो गइल। कनियाँ बनके ससुरा अइनीसासु खूब खिअवली पुहुट बनावे खातिर हमके खुबे दूध पियवली देखते देखत हो गइनी हम गरइ से सउरागजब हो गइल। चूल्हा मिलल चउका मिलल मिलल चाभी तालारिन करज के बोझा मिलल मिलल छान्ही के जाला कुछे दिन में हो गइनी हम कठेल

रंगदार हो गईल

19 सितम्बर 2017
1
1

रंगदार हो गइल मोरा गाँव के लल्लू. ठेलठाल के इंटर कइलसबीए हो गइल फेल रमकलिया के रेप केस में भोगलस कुछ दिन जेल असरदार हो गइल मोरा गाँव के लल्लू. खादी के कुरूता पयजामामाथे पगड़ी लाल मुंह में पान गिलौरी दबलेचले गजब के चाल ठेकेदार हो गइल मोरा गाँव के लल्लू. पंचायत चुनाव में कइलस नव परपंच समरसता में आग लगव

चलीं अपना गांव

19 सितम्बर 2017
1
1

चलीं अपना गाँवतनि सा घूम आईं. पत्थल के एह नगरिया मेंपथरा गइलीसन आँखटुटल डाढ़ी अस गिरल बानीकटल परल मोर पाँख लागल बा चोट कुठाँवत कइसे धूम मचाईं. खिसियाइल दुपहरिया मेंतिल तिल के तन जरतानोनिआइल देवालिन मेंनोनी जस मन झरता ओहिजे मिली नीम छाँवत

कमाई दिहलस पपुआ

18 सितम्बर 2017
1
0

पढ़ि लिखि के का कइलभईया पढ़वैयाकमाइ दिहलस पपुआखांचा भर रुपैया. मंत्री बिधायकजी केखास भइल बड़ुएगऊआं के लफुआन केबॉस भइल बड़ुएआ मुखिया जी के कांख केभइल बा अँठईया. मुंशी पटवारीजी केकरेला दलालीमुंहवा में पान लेकेकरेला जुगालीआ भोरहिं से लाग जालाफांसे में चिरईयाँ. हिंदी अंगरेजीभोजपुरी बोलि लेलाबनब त बन हरेसरओक

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए