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Sakshi की पुस्तकें

Sakshi के लेख

तेरे जाने के बाद !

5 अगस्त 2017
4
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वक़्त मानो थम सा गया हो मेरा , तेरे जाने के बाद !मानो धरती और आकाश का साथ छुट गया हो, तेरे जाने के बाद !मानो ईश्वर से मेरा विश्वास छूट गया हो , तेरे जाने के बाद !मानो चाँद का चांदनी से मिलन न हुआ हो ,तेरे जाने के बाद !मानो आंसू का आँखों से गिरना

ज़िंदगी !

10 जुलाई 2017
7
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ये जिंदगी भी बड़ी अजीब होती है... न चैन से हंसने देती है न चैन से रोने देती है.. अपनी मर्ज़ी के खेल खेलती रहती है... जिंदगी से तो बस यही दुआ है मेरी की ..ऐ जिंदगी !.. कुछ नया सा लेकर आ जिसमे चैन से जी सके .. या कुछ ऐसा प

बचपन की यादें

8 जून 2017
8
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बचपन के दिन होतें थे बहुत खास , खेल ते थे , कूदते थे , थे हरदम साथ !हाथ पकड़कर अपने भाई बहनों का,कदम से कदम चलते थे ,कभी उछलकर ,कभी गिर पड़ कर फिर उठ जातें थे झटपट !कभी गिरकर , कभी गिराकर , कभी रोकर तो कभी र

तेरी याद

5 जून 2017
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एक पल के लिए साँस रूक गई । जब देखा हसँता हुआ चेहरा तेरा ।। अनजान थे सब न पता था किसी को । कि कितने समय तक का बसेरा था तेरा ।। बाप की इज्जत माँ की लाडली भाई की शान । यही सब बन ग

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