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इशिता गांगुली की पुस्तकें

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इशिता गांगुली के लेख

कुछ लाख रुपये देकर लोग बार-बार रेप कर सकते हैं.

27 जुलाई 2017
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This is not a real image. This image is for representational purpose only.पिछले साल नैंडोज़ चिकेन (चिकेन के लिए प्रचलित एक अफ्रीकी रेस्टोरेंट चेन) का अखबार में ऐड छपा था. जिसमें एक मुर्गा कह रहा था:‘आप हमारे ब्रेस्ट, कूल्हे और टांगें पकड़ सकते हैं. हम तो विरोध भी नहीं करेंगे.’ये कहना न होगा कि ये ऐड प

क्या पीएम मोदी ने नीतीश को 12 घंटे पहले इस्तीफे की बधाई दे दी थी?

27 जुलाई 2017
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26 जुलाई की शाम थी. सवा 6- साढ़े 6 का टाइम हो रहा था. मीडिया दफ्तरों में 10 से 7 की शिफ्ट वाले अपना काम निपटाकर बोरा बिस्तर समेट रहे थे. तभी एक ऐसी खबर आई जिसने सबको वापस अपनी टेबल पर अनिश्चित काल के लिए चिपका दिया. पता चला कि नीतीश कुमार ने बिहार के चीफ मिनिस्टर पद से इस्तीफा दे दिया है. उधर उन्हों

हत्या, आर्म्स एक्ट और 11,412 करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोपी हैं नीतीश कुमार

27 जुलाई 2017
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पटना। कल शाम अचानक एक ऐसी खबर आई जिसने देश की राजनीति खासकर बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शाम साढ़े छ: बजे के अचानक राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि तब तक नहीं पता था कि उनके दिमाग में क्या चल रह

मेरे स्कूल में जब अब्दुल कलाम आये थे, तो मैं उनका मज़ाक उड़ा रहा था

27 जुलाई 2017
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11 अगस्त 2003. लखनऊ पहुंचे हुए मुझे 1 साल और 10 दिन हुए थे. लखनऊ जाने का कारण था पढ़ाई. आज सोचता हूं तो लगता है, क्या बेवकूफ़ी थी. लेकिन ठीक है. चलता है. जिस स्कूल में भर्ती हुआ, उसका नाम था लखनऊ पब्लिक स्कूल. सहारा स्टेट्स ब्रांच. आह! सहारा स्टेट्स. वो जगह जो हमारी सल्तनत

जब मुसलमान होने की वजह से बदली गई कलाम की सीट

27 जुलाई 2017
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दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को इस देश से बहुत प्यार मिला. लेकिन स्कूल में पढ़ाई के दौरान उन्हें मुसलमान होने की वजह से भेदभाव का सामना करना पड़ा था.अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘माय लाइफ’ में उन्होंने लिखा है कि एक बार मुसलमान होने की वजह से उनकी सीट बदल दी गई थी. दरअसल रामेश्वरम एलीमेंट्री स्कू

तब नारियल तोड़ने में करियर बनाना चाहते थे अब्दुल कलाम

27 जुलाई 2017
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Photo: Reutersदेश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम कठिन संघर्ष से फर्श से अर्श तक पहुंचे. लेकिन एक समय वह एक ऐसे काम में करियर बनाना चाहते थे जो समाज में दोयम दर्जे का माना जाता है.जी हां, बचपन में वह पेड़ पर चढ़कर नारियल तोड़ने को अपना पेशा बनाना चाहते थे. ‘रेड टर्टल’ प्रकाशन से छपी अपनी बायोग

रामेश्वरम में शुरू हुआ एपीजे अब्दुल कलाम के लिए स्मारक का कंस्ट्रक्शन

27 जुलाई 2017
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रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम की कब्र पर स्मारक का कंस्ट्रक्शन शुरू हो गया है. कलाम को दफनाने के साथ ही सरकार ने तय किया था कि उनकी कब्र पर एक मेमोरियल बनाया जाएगा. पर कुछ दिनों पहले ऐसी खबरें आयीं कि न तो वहां कोई स्मारक बनना शुरू हुआ है, न ही विजिटर्स के लिए किसी तरह के नियम-कानून बनाए गए हैं. ल

ट्रेनों से अखबार उतारने से पहले ये काम करते थे अब्दुल कलाम

27 जुलाई 2017
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दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में सब जानते हैं कि वो बचपन में ट्रेन से अखबारों के बंडल उतारा करते थे. लेकिन यह उनका पहला रोजगार नहीं था.दूसरे विश्व युद्ध के समय जब रोजमर्रा की चीजों की कमी हो गई थी, उन्होंने तय किया कि कुछ पैसे कमाकर फैमिली की मदद करेंगे. लिहाजा कलाम इमली के बीज

कलाम के नाम का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए पार्टी

27 जुलाई 2017
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महान इंसान मरने के बाद भी काम का रहता है. अच्छे लोगों के लिए उसकी बातें जिंदगी का सबक बन जाती हैं. बुरे लोगों के लिए उसका नाम ‘इस्तेमाल’ करने के काम आता है. राजनीति के लिए. अपने फायदे के लिए. पूर्व प्रेसिडेंट एपीजे अब्दुल कलाम अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन उनका नाम है. तो बस कुछ लोग कर रहे हैं इस

यहां पढ़ें: नीतीश के इस्तीफा देने के बाद अब बिहार में क्या होगा?

26 जुलाई 2017
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इधर नीतीश कुमार इस्तीफा सौंपे हैं उधर पटना में बीजेपी विधायक दल की बैठक सुशील मोदी के घर शुरू हो गयी है. अब जरा दिल्ली पर ध्यान दीजिए. दिल्ली में बीजेपी संसदीय दल की बैठक हो रही है. पीएम नरेंद्र मोदी भी नीतीश कुमार को बधाई दे रहे हैं.नई दिल्ली: बिहार के सियासत में अचानक ही सियासी पारा चढ़ गया है. बि

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