दिनेश गुप्ता 'दिन'
2 किताबे ( 2 हिंदी )
6 रचनायें ( 6 हिंदी )
मैं दिनेश गुप्ता 'दिन' पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ और ३ किताबों का लेखक हूँ : १.) मेरी आँखों में मुहब्बत के मंज़र हैं २.) जो कुछ भी था दरमियाँ ३.) कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ इसके अलावा मेरी कवितायेँ ३ संयुक्त कविता संग्रहों में प्रकाशित हुई है | १.) बिखरी ओस की बूँदें २.) कदम ढूँढती राहें ३.) शब्दों की चहलकदमी इसके अलावा मेरी कवितायेँ, पुस्तक-समीक्षा, इंटरव्यू और लेख देश के कई प्रमुख अख़बारों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं : मेरे बार में और जानने के लिए लोगिन करें :
आप इस मुल्क में किस उजाले की बात करते हैं
13 मार्च 2018
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क्या प्यार करना गुनाह है ? [ समाज की दोहरी मानसिकता और खोखले मापदंड ]
28 मई 2016
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मेरी आँखों में मुहब्बत के मंज़र है
20 फरवरी 2015
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दैनिक जागरण के राष्ट्रीय संस्करण में प्रकाशित इंटरव्यू "एक इंजीनियर का उसकी कविता के लिए जूनून"
1 फरवरी 2015
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28 जनवरी 2015
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कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ
28 जनवरी 2015
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