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Hello readers, I have started to write about true love which we can't find out easily in our life

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<p>Hello readers, </p><br>I have started to write about true love which we can't find out easily in our life <br>

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Satyam Sanadhya के लेख

बेवज़ह

18 फरवरी 2018
1
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ज़िंदगी ये मेरी बेवजह बन गयी उनको पाने की चाहत खता बन गयी दिल लगाना और लगा के उसे तोड़ देना ऐसी उस बेवफा की अदा बन गयी उनका हुस्न औ अदा और मेरा दीवानापन इस

ड्रीम गर्ल

4 फरवरी 2018
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दिल की धड़कन हो तुम तुम मेरा प्यार हो मन्नतों में था जो माँगा तुम वो वरदान हो मेरी हसरत हो तुम

दिल की लगी

1 फरवरी 2018
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होंठो पे मुस्कुराहट मगर आँखों में नमी है ज़िंदगी में मेरी आज भी तेरी कमी है बहुत चाहा हमने तुझको भूलकर आगे बढ़ना मगर वक़्त की सुई तुझ पर जा थमी है दिल की सुनत

31 जनवरी 2018
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दास्ताँ सुनाते सुनाते खुद दास्ताँ बन गए मुमताज़ तो न मिली पर हम शाहज़हां बन गए किसी पत्थर की मूरत को कुछ यूँ सज़दे किये जैसे कि वो मेरे खुदा बन गए लफ्ज़ो की ज़रुरत ही न हुई इज़हार ए इश्क़ को नैन कुछ यूँ मिले कि ज़ुबा बन गए

लव फ्यूनरल

31 जनवरी 2018
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सारी ज़िंदगी एक लम्हे में सिमट गयी हो जैसे सांसो की लड़ी टूट कर फिर जुड़ गयी हो जैसे उनका आना मेरी ज़िंदगी में कुछ यूँ हुआ यारो रेत मे प्यासे को कोई बूँद मिल गयी हो जैसे उनके हुस्न का जादू ही कुछ ऐसा था अमावस में चांदनी बिखर गयी हो जै

बेशर्त मोहब्बत

23 जनवरी 2018
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हूँ मैं खरीदार मगर चाहत कोई व्यापार नही. खुदा की नेमत है इसका कही कोई बाजार नहीं. ये तो जलवा है उनके हुस्न और अदाआे का.. इश्क हो जाए किसी को तो वो गुनाहगार नही . ये तो हम थे जो उनको चाहा और भुलाया भी.

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