Shivam Agrawal
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Bikhrepanne
कुछ कविताएं लिखी थी, बिखरे पन्नों पर वक़्त की थपेड़ों से बिखर गए, पता नहीं किस दिशा गए उड़के उनके हाथ लगे तो लिखना सफल हो जाए..।।
Bikhrepanne
<p> कुछ कविताएं लिखी थी, बिखरे पन्नों पर</p><p> वक़्त की थपेड़ों से बिखर गए,</p><p> पता नहीं किस दिशा गए उड़के</p><p> उनके हाथ लगे तो लिखना सफल हो जाए..।।</p>