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दुर्गेश नन्दन भारतीय के बारे में

आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारक

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दुर्गेश नन्दन भारतीय की पुस्तकें

दुर्गेश नन्दन भारतीय के लेख

इन्सान

4 मई 2015
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@@@@@@ इन्सान @@@@@@ ******************************************** उल-जलूल बातों को, हम बकवास कहते हैं | विन्रम निवेदन को, हम अरदास कहते है || मत ताक ओ नादान , दुसरे के गिरेबान में | संयत-शालीन शख्स को,संत खास कहते हैं || @@@@@@@@@@@@@@@@@

उम्र के हस्ताक्षर

25 अप्रैल 2015
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@@@@@@@उम्र के हस्ताक्षर @@@@@@@ ********************************************************* जब से चिकने चेहरे पर, उम्र के गढ़े गहराने लगे है | पच्चीस पार के युवा भी ,मुझे अंकल कहने लगे है || मेरी जन्म तारीख तो, आती है चार साल में एक बार | लेकिन उम्र का अहसास मुझे,कराते है लोग बार-बार || हालाँकि बिन चश

जगजीत की परिभाषा

24 अप्रैल 2015
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@@@@ जगजीत की परिभाषा @@@@ ************************************************ जो संकट में साथ निभाए , उसे मीत कहते है | सुरताल के सरस पद्य को, हम गीत कहते है || जग को जीतने का हठ छोड़ दे,ओ हठी इन्सान, खुद को जीतने वाले को ही ,जगजीत कहते है || *************************************************

ईमान की कमाई

16 अप्रैल 2015
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@@@@@@@@@@@@@@@ प्यार में धोखा खाने पर नफ़रत होती है | वजह सुगठित शरीर की कसरत होती है|| मत कर बेईमानी ओ नादान इन्सान , ईमान की कमाई में ही बरकत होती है || @@@@@@@@@@@@@@@

स्वसुधार

16 अप्रैल 2015
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@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ किसी भी नयी खोज को ,हम अविष्कार कहते हैं | और हर अच्छे सुधार को ,हम परिष्कार कहते हैं || मत कर तलाश ओ बन्दे , तू अच्छे इन्सान की , खुद ही अच्छे बन जाओ,सन्त ये हर बार कहते हैं || @@@@@@@@@@@@@@@@@@@

सन्तुलन

16 अप्रैल 2015
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@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ न बढा नजदीकियाँ इतनी ,कि वो दूरियों का आधार बन जाएँ | कस न तू वीणा के तार इतने,कि वो उसके टूटे तार बन जाएँ || सन्तुलन ही है जिन्दगी , बच अतियों से ओ नादान , मनाएँ अगर तू सलीके से , तो रूठा तेरा हर यार मन जाए || @@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@

आना-जाना साँसों का

16 अप्रैल 2015
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@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ जिन्दगी की शतरंज में , है नहीं ठिकाना पासों का | बीत जाएगा चन्द दिनों में,ये मौसम मधुमासों का || जो करना है जल्दी करले , ओ अनाड़ी इन्सान , क्या पता कब रुक जाए , ये आना-जाना सांसों का || @@@@@@@@@@@@@@@@@@@

अनमोल जीवन

16 अप्रैल 2015
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@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ अनमोल मानव जीवन मिला है,इसका सदुपयोग कीजिये| करके अनूठा काम जगत में , दुनिया को कुछ दीजिये || बीत न जाये ये जिन्दगानी , गुमनामी के अन्धेरे में, मकसद हासिल करके अपना , साबित खुद को कीजिये || @@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@

पत्नी की परिभाषा

16 अप्रैल 2015
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@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ भार उठाती जो गृहस्थी का , वो भार्या कहलाती है | बदल जाता मकान घर में, जब घरवाली आती है || दर्दे दिल पर प्यार का मरहम , महबूबा लगाती है | तनी रहती जो पति पर , वो पत्नी कहलाती है || @@@@@@@@@@@@@@@@@@@

कुदरती नाता

16 अप्रैल 2015
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@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ जीवन में दुःख -सुख का दौर आता -जाता है | घनी अंधेरी रात के बाद उजाला सुबह का आता है | न घबरा ओ मेरे दोस्त तू इन कष्ट के काँटों से , काँटों से तो फूलों का कुदरती नाता है || @@@@@@@@@@@@@@@@@@@

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