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डा वेदप्रकाशमिश्र के बारे में

मैनें सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पी एच डी तक की शिक्षा पूर्ण की है। मै राष्ट्रवादिता, संस्कृत, संस्कृति, संस्कार एवं धर्म में पूर्ण निष्ठा तथा विश्वास रखता हूं। एवं अपने कर्तव्य कर्म को तन्मयता से करता हूँ। ,मैनें सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पी एच डी तक की शिक्षा पूर्ण की है। मै राष्ट्रवादिता, संस्कृत, संस्कृति, संस्कार एवं धर्म में पूर्ण निष्ठा तथा विश्वास रखता हूं। एवं अपने कर्तव्य कर्म को तन्मयता से करता हूँ।

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डा वेदप्रकाशमिश्र की पुस्तकें

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जीवन का अतुलित संघर्ष । निश्चित करता है उत्कर्ष ।। जो जितना करता प्रकर्ष, वह उतना ही पाता है हर्ष।।

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<p>जीवन का अतुलित संघर्ष । निश्चित करता है उत्कर्ष ।। </p><p>जो जितना करता प्रकर्ष, वह उतना ही पाता है हर्ष।। <br></p>

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डा वेदप्रकाशमिश्र के लेख

कहां की नारियों का देवता यशगान करते हैं ?

14 जून 2018
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जगत् में वो जगह है कौन जिसे अभिराम कहते हैं, कहां पर सृष्टि के विज्ञान के सिद्धान्त पलते हैं। बताओ उस जगह को तुम जहां भगवान रहते हैं, कहां की नारियों का देवता यशगान करते हैं।। वो घर होता है घर जिसमें अतिथि सम्मान पाते हैं , जहां पर गाय वायस श्वान भी

शब्द की शक्ति

9 जून 2018
1
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शब्द की शक्ति पर विचार करते हुए हमारा ध्यान भारतीय-मंत्रशास्त्र की तरफ जाता है। हमारे प्राचीन धर्म-ग्रन्थ मंत्रों की महिमा से भरे पड़े हैं और आज भी करोड़ों व्यक्ति मंत्रों के जप और प्रयोग द्वारा अपनी तरह-तरह की कामनाओं को पूरा करने का उद्योग करते रहते हैं। यहाँ की साधारण

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