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वर्तिका श्रीवास्तव के बारे में

मै एक आम लड़की हूँ लेकिन विश्वास रखती हूँ कि हर आम व्यक्ति में कोई न कोइ हुनर ज़रूर होता है/ मै अपने आप को उस चींटी के सामान समझती हूँ जो हर बार सफल नहीं होती परन्तु सफल होने का प्रयास कभी नहीं छोड़ती , शब्दनगरी से जुड़ना मेरे उन सभी प्रयासों मे से एक है आशा करती हूँ इस सफर मे मुझे मेरी मंज़िल ज़रूर मिलेगी.

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वर्तिका श्रीवास्तव की पुस्तकें

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कहते है बूँद बूँद से ही घड़ा भरता है मै एक विद्यार्थी हूँ और इस जीवन से हर रोज कुछ न कुछ सीखती रहती हूँ इस पेज के मध्यम से मैं शब्दनगरी के सभी सदस्यों को एक परिवार की तरह जोड़ना चाहती हू, हर व्यक्ति जीवन में किसी ना किसी से

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<p> कहते है बूँद बूँद से ही घड़ा भरता है मै एक विद्यार्थी हूँ और इस जीवन से हर रोज कुछ न कुछ सीखती रहती हूँ </p><p>इस पेज के मध्यम से मैं शब्दनगरी के सभी सदस्यों को एक परिवार की तरह जोड़ना चाहती हू, हर व्यक्ति जीवन में किसी ना किसी से

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