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जनसंवाद के बारे में

पत्रकार बनने की इच्छा,बर्तमान में बेरोज़गारसामाजिक एवं राजनीतिक विषयों में रूचि,कानून की शिक्षा पूर्ण कर ली है,अभी ज़िन्दगी कठिनाई में गुज़र रही है आर्थिक+सामाजिक तनाव जारी

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जनसंवाद की पुस्तकें

जनसंवाद के लेख

सफ़ेद धारियों वाली वो काली सड़क

24 दिसम्बर 2018
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सड़क सुरक्षा को लोगों के द्वारा आंकड़ो, दुर्घटनाओं, लोगों की मृत्यु से जोड़कर देखा जाता है जबकि इसका एक और सबसेमहत्वपूर्ण पहलु है जिसका मुझे एवं मेरे जैसे अन्य आम लोगों को प्रतिदिन और दिनमें कई बार सामना करन

शिक्षा के प्रति संबेदनशील दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार

18 जुलाई 2018
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ऐसा दृश्य भारत के सरकारी स्कूलों में देखने को नहीं मिलता परंतु यह संभव हुआ है दिल्ली में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के प्रयासों से। दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में पिछले तीन बर्षों में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिले हैं।वर्त्तमान दौर में केंद्र सरकार हो अथवा राज्य सरकारें शिक्षा पर कम ही ध्यान दे

सोशल मीडिया और भारतीय राजनीति

17 जुलाई 2018
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pic credit-anthony bordarao(medium.com)वर्तमान दौर में सोशल मीडिया आम आदमी के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है।आप चाहे पत्रकार हों चाहे व्यवसायी हों,विद्यार्थी हो अथवा,किसी सरकारी विभाग में नौकरी करने वाले आम कर्मचारी।सोशल मीडिया ने खास से लेकर आम लोगों की ज़िंदगी पर गंभीर प्रभाव डाला है।व्यवसाय,

फुटबॉल वर्ल्ड कप में फ्रांस की जीत से सन्देश

16 जुलाई 2018
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फ्रांस ने वर्ल्ड कप के फाइनल में क्रोएशिया पर जीत दर्ज की।दोनों ही टीमों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया एक छोटे से देश क्रोएशिया की टीम ने फुटबॉल वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई और फाइनल में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया यह सराहनीय है परंतु फ्रांस की वर्ल्ड कप की टीम में आधे से भी ज्यादा 23 में से 15 खि

मोदीजी के राज में सरकारी नौकरियों की हालत

15 जुलाई 2018
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मोदी जी 2014 में प्रधान मंत्री बनने से पूर्व चुनाव प्रचार में गए थे तो युवाओं से वादा किया था कि अगर बीजेपी की सरकार बनी तो हर बर्ष 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देंगे।वादा तो अच्छा था सबने मान भी लिया और युवाओं ने भरपूर वोट देकर पूर्ण बहुमत की सरकार भी बना दी।अब देखते हैं

आर टी आई कानून को कमजोर करने की कोशिश

15 जुलाई 2018
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प्रशासन में पारदर्शिता एवं भ्रष्टाचार से निजात पाने हेतु बक्त बक्त पर भारत एवं अन्य देशों में कानूनों की मांग लगातार होती रही है।प्रशासन में पारदर्शिता एवं भ्रष्टाचार का मुद्दा पूरी दुनिया में हमेशा से ही एक गंभीर मुद्दा रहा है इसी कड़ी में 2005 में सूचना का अधिकार कानून बनाया गया जोकि आम नागरिकों क

दिल्ली में लोकतान्त्रिक प्रक्रियाओं से छेड़छाड़

14 जुलाई 2018
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दिल्ली का दंगल,दिल्ली का ड्रामा,धरना वाला मुख्यमंत्री जैसे शब्द आजकल सुनने को मिल जाते है मीडिया,नेता,संविधान बिशेषज्ञ सबके अलग अलग विचार हैं परंतु जो मुलभूत विचार है उसको ठेंगा दिखाने की कोशिश जरूर की जा रही यह स्पष्ट है।विशेषज्ञों का यह मानना है की दिल्ली में यह समस्या तब शुरू हुई जब दो अनुभवी

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