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भावना तिवारी के बारे में

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भावना तिवारी की पुस्तकें

drbhavanatiwari

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शब्द जो ब्रह्मरूप हैं ,शब्दों का नाद सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में प्रवाहित है ,हम उच्चारित या श्रवण करते हैं,वह हमें बाह्य और आतंरिक दोनों रूप प्रभावित करता है ! सुनिश्चित करें कि क्या सुनें ,क्या बोलें ! क्या लिखे हमारी लेखनी जो माँ सरस्वती की विशेष अ

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शब्द जो ब्रह्मरूप हैं ,शब्दों का नाद सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में प्रवाहित है ,हम उच्चारित या श्रवण करते हैं,वह हमें बाह्य और आतंरिक दोनों रूप प्रभावित करता है ! सुनिश्चित करें कि क्या सुनें ,क्या बोलें ! क्या लिखे हमारी लेखनी जो माँ सरस्वती की विशेष अ

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भावना तिवारी के लेख

गीत अँगड़ाई के दिन

7 मई 2018
1
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तृषा जगी धरती की प्यासे हैं कूप छज्जों पर नाच रही सोने सी धूप गर्मी के दिन थोड़ी नरमी के दिनआ गए सूर्य की,ढिठाई के दिनठिलियों परबैठ गये आम्रफल रसीले ढेर लगे जामुन के, महकते कलींदेचटपटे अचारों, गुल्कंदों के दिन जलजीरा शर्बतसतुआई के दिन छोड़ कर किताबें हँसी गाँव भागी तारों की गफलिया सुबह तलक जागी भरे मर

कवयित्री विशेषांक हेतु रचनाएँ आमंत्रित

11 जून 2017
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*कवयित्री विशेषांक* के लिए रचनाएँ आमंत्रित------

गीत

10 जून 2017
9
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टँगे-टँगे खूँटी पर आख़िर,कहाँ तलक़ हम सत्य बाँचते । न्यायालय की चौखट सच से दूर बड़ी थी। कानूनों की सूची धन के पास खड़ी थी। सगे-सगे वादी थेलचकर, मुंसिफ़ कब तक तथ्य जाँचते । आजीवन कठिनाई,दो रोटी का रोना।आदर्शों को रहे फाँकते चाटा नोना।भूखे-पेट पंक्ति से हटकर,कहाँ तलक़ हमपथ्

नवगीत // बंद बैग में

23 अप्रैल 2016
6
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।। बंद बैग में ।।-------------------घर से दफ़्तर,दफ़्तर से घर,पल-पल बँटती रही ज़िन्दग़ी।जल्दी-जल्दी हाथ चलाती साथ घड़ी के मैं चलती हूँ।केवल सीमित होंठ दबाकर कहने भर को मैं हँसती हूँ।बस, रिक्शा,लोकल ट्रेनों में,पग-पग तपती रही ज़िन्दग़ी ।कागज़-पत

हॉल-12A- स्टॉल-337

17 जनवरी 2016
5
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विश्व पुस्तक मेला ,दिल्ली में जा रही हूँ आज, आप भी आ रहे हैं क्या

"विश्व पुस्तक मेला" में भी उपलब्ध

14 जनवरी 2016
1
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आप जा रहे हैं दिल्ली-"विश्व पुस्तक मेला" में,तो वहाँ भी उपलब्ध है,मेरा काव्य-संग्रह "बूँद-बूँद गंगाजल "हॉल सं-12 A में, अंजुमन-प्रकाशन के -स्टॉल 337 परआपका स्वागत है !!

विश्व पुस्तक मेला" में भी उपलब्ध है,

14 जनवरी 2016
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आप जा रहे हैं दिल्ली-"विश्व पुस्तक मेला" में,तो वहाँ भी उपलब्ध है,मेरा काव्य-संग्रह "बूँद-बूँद गंगाजल "हॉल सं-12 A में, अंजुमन-प्रकाशन के -स्टॉल 337 परआपका स्वागत है !

बूँद-बूँद गंगाजल

13 जनवरी 2016
3
1

💐☺आप दिल्ली , विश्व पुस्तक मेला में घूम रहे हैं, तो आपको डॉ.भावना तिवारी का काव्य-संग्रह 💐#बूँद-बूँद गंगाजल#उपलब्ध रहेगा यहाँ...👇🏾अंजुमन प्रकाशनहॉल-12A स्टॉल-337 🙏🏼

बूँद-बूँद गंगाजल

11 जनवरी 2016
9
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बूँद-बूँद गंगाजल(काव्य-संग्रह)

9 जनवरी 2016
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#अब तक मेरे गीतों को आपने 'कवि-सम्मेलनों' में दिल से सुना, सराहा, आशीर्वाद और स्नेह दिया।आपकी बहुत-बहुत आभारी हूँ।अब #बूँद-बूँद गंगाजल#मेरा गीत-संग्रह प्रकाशित हुआ है। अब 👉#बूँद-बूँद गंगाजल #कीऑनलाइन प्रि-बुकिंग आप नीचे दिए गए किसी भी link से करवा सकते हैं।👉🏾सुना है कि अब फ़्री शिपिंग और कैशऑन डि

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