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Arun choudhary(sir) के बारे में

Arun choudhary ,@civil engineer & director of Aakanksha group of studies.

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Arun choudhary(sir) की पुस्तकें

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Arun choudhary(sir) के लेख

माझे सासरे बुआ भाग 2

27 मार्च 2021
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दोन मुलं आणि तीन मुली असे मोठे परिवार असून आनंदाने गृहस्थश्रम वागविले .त्यांचे शिक्षण ,लग्न , व्यवस्थित पार

माझे सासरे बुआ भाग 1

23 मार्च 2021
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लक्ष्मण ओंकार कोल्हे ,हे माझे सासरे होते. सादगी पूर्ण जीवन,सदा कर्म योगी,सफल व्यवसायी होते.आपल्या परिवार मधे

धन्यवाद आपको

13 जनवरी 2021
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कैसे करूं मैं सभी का धन्यवाद,सोचता रहा दिन भर;आपकी ये शुभकामनाएं,खुशनुमा बना देती दिन के हर पल को।कैसे करूं मैं साधुवाद,शब्दों में व्यक्त करना है मुश्किल इन पलों को।जन्मदिवस पर मिलने वाली ये शुभकामनाए

ज़िन्दगी के कैनवास में रंग भर दूं

5 दिसम्बर 2020
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ज़िन्दगी के खाली पड़े कैनवास पे,जब चाहे मैं चित्र उकेर दूं। उस चित्र में जब चाहे मैं ,जिंदगी के उस कैनवास में रंग भर दूं।ज़िन्दगी का वह खाली कैनवास,अब ना रहेगा हमेशा की तरह बेरंग।पानी की लहरों की तरह,पहाड़ी झर

मेरी अभिलाषा

16 अक्टूबर 2020
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अभिलाषा हैं मेरी,भ्रष्टाचार मिटा दूं पुरे देश से;अभिलाषा हैं मेरी,स्वच्छ कर दूं पूरे देश को;महाशक्ति बना दूं विश्व में,यही मेरी अभिलाषा;खेलों में बना दूं देश को सिरमौर,यही है मेरी लालसा;उद्योगों में कर दूं आत्मनिर्भर,बस यही है कामना;संयुक्त राष्ट्र संघ का हो जाये स्थायी सदस्य,यही करता हूं प्रभु से प

विशेषताएं मेरे मन की

9 अक्टूबर 2020
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सागर सा गम्भीर,नदियों सा चंचल मन है मेरा;बड़े वृक्ष की तरह देता सुकून,छोटे पौधे की तरह ये कोमल मन है मेरा।घर से बाहर निकलने को आतुर ,जल्दी ही घर लौटने को उत्सुक ये बच्चा मन है मेरा ;पर्वत की तरह अडिग,पानी की बूंद की तरह सूक्ष्म ये मन है मेरा।हरी भरी फसल की तरह लहलहाता

दोस्त और शराब

7 अक्टूबर 2020
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दोस्तों के बहाने, मोहब्बत ना कर तू शराब से;दोस्ती का नशा, शराब से है बढ़कर;दोस्ती के आगे ,शराब और शबाब है झूठे;गर दोस्ती इश्क वाली हैतो जनाब, सच उगल देगी ये शराब।छुपे हुए इश्क को भी ,उजागर कर देगी ये शराब।इसीलिए दोस्ती के बहाने,ना कर तू मोहब्बत शराब से;वर्ना कर देगी बदनाम दोस्ती को भी,अपनी मदहोशी स

वक़्त बड़ा बेरहम

6 अक्टूबर 2020
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वक़्त कब बदल जाए भरोसा ही नहीं है ,वक्त जिंदगी का दाव पर लगा एक जुआ है ;वक्त के साथ जो चला,जिंदगी को उसने भरपूर जिया; जिसने वक्त को ठुकरा दिया,वह कभी सफल ना होपाया। वक्त हमारा कभी मोहताज ना रहा,हम उसके मोहताज रहे;वक्त वक्त की बात है, हर किसी का वक्त बदलता है ; अर्श से

दिल की गहराई

3 अक्टूबर 2020
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दिल की गहराई

3 अक्टूबर 2020
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मैंने देखी है गहराई दिल की, अनुमान ना लगा पाया था मैं,घाव इतनी गहराई तक लगा कैसे;दिल तो बडा छोटा सा लेकिन,उसमें चोंट इतनी गहरी क्यों हैं,इतने पर भी दिल से आह तक ना निकली,सब कुछ छिपा कर रखा ,घाव गहरा होने पर भी ,सामने टीस ना उभरने दी इसने;कभी कभी इस दिल ने धोखा भी खाया,उफ़

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