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हकीम दानिश के बारे में

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हकीम दानिश की पुस्तकें

हकीम दानिश के लेख

अपनों की तलाश Update Your Browser | Facebook

21 नवम्बर 2015
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अस्सलामु अलैकुम / नमस्ते हमने अभी एक पेज बनाया है। जिसका नाम है अपनों की तलाश आइस पेज का मकसद है। उन बच्चों को उनके घर तक पहुचाना जो कही भटक जाते है खो जाते है गुम हो जाते है। में चाहता हु हम सब भी एक कोशिश करें। में इसी लिए पेज बनाया हु हु। जो भी मित्र उसमे जुड़ना चाहते है। वो सब आये ख़ुशी होगी।

ताज़ा ग़ज़ल

12 नवम्बर 2015
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ताज़ा ताज़ाहमारे यहाँ भी आये वो जंगल राज बिहार जैसाके मानव राज से बहुते ही तंग आ चुके है। जो जुमले थे के वापस लाएंगे बाहर से जमा पैसाअब तक उससे ज़्यादा जनता से लेके खा चुके है। कोई पूछ ले पिछले महीने थे कहा साहब !!बता नहीं सकते वो देशो के इतने लगा चुके है !!के अब कोई फर्क पड़ता नहीं हमको नए जुमलों से

अब आप भी लिखिए अपने पोस्ट आर्टिकल आपके मुह से बोलकर हाथो को दीजिये आराम आप जो बोलेंगे वो आपके सामने लिखा जायेगा

9 नवम्बर 2015
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क्या आप भी चाहते हैं कि जो आप बोलो वह सारा कुछ लिखा जाए अगर आप चाहते हैं तो यह पोस्ट पूरा पढ़े और भी जानकारी ले और आप भी आज के बाद लिखना बंद करें और आप वही करो जो यहां पर आप जो भी बोलेंगे आपका वह सारा कुछ यहां पर लिखा जाएगा आपको यह पोस्ट अपने मुंह से बोलकर लिख सकते है तो कितना अच्छा रहेगा अगर ऐसा हो

अब आप भी लिखिए अपने पोस्ट आर्टिकल आपके मुह से बोलकर हाथो को दीजिये आराम आप जो बोलेंगे वो आपके सामने लिखा जायेगा

9 नवम्बर 2015
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क्या आप भी चाहते हैं कि जो आप बोलो वह सारा कुछ लिखा जाए अगर आप चाहते हैं तो यह पोस्ट पूरा पढ़े और भी जानकारी ले और आप भी आज के बाद लिखना बंद करें और आप वही करो जो यहां पर आप जो भी बोलेंगे आपका वह सारा कुछ यहां पर लिखा जाएगा आपको यह पोस्ट अपने मुंह से बोलकर लिख सकते है तो कितना अच्छा रहेगा अगर ऐसा हो

कॉपी पेस्ट को ले कर लोगो की भावनाये।

25 जुलाई 2015
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आज का पोस्ट एक ऐसे मुद्दे पर है। जो अक्सर लोगो के सामने आता है। तो आइये सुनिये वो मुद्दा क्या है। मुद्दा है। एक इंसान का दूसरे इंसान पे यक़ीन करना। सबसे पहले एक कहानी सुनिए। आप वही पहुच जायेंगे जहा पहुचाना चाहता हु। सुनिए एक गांव में एक राज मिस्त्री था। उसी गांव में एक और आदमी भी था। जो बिलकुल नकार

माननीय साध्वी जी के मस्जिद को ले कर विवादित बयान का जवाब मेरी कलम से

25 जुलाई 2015
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साध्वी जी का बयान सुना के मस्जिदों में। हथियार रखे जाते है। सुबह फजर में ट्रेनिंग दी जाती है। आतंकवादी बनाये जाते है। बस फिर क्या में भी सबूत ढूंढने में लग गया। के इतनी बड़ी साध्वी जी झूठ थोड़ी बोलती होंगी बस में लग गया रिपोर्टर की तरह दिन भर लगा रहा कई मस्जिदे देखि पर कुछ नहीं मिला रात को जब सोया। उ

सूरत सिंह जी खालसा इंसाफ के लिए ज़िन्दगी से लड़ते हुए।

19 जुलाई 2015
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यह जो फोटो में दिखाई दे रहे है ना ये है सरदार सूरत सिंह जी खालसा... में भी आपकी तरह इनको नही जानता था जान अब्दुल्लाह भाई ने इनका फोटो अपने प्रोफाइल पे लगाया आपकी तरह मेरे मन में भी सवाल आया को आखिर है कौन ये महाशय..? सो पूछ लिया अब्दुल्लाह जान भाई से , पर इनके बारे में जानते ही

आज की ग़ज़ल

17 मई 2015
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~~~~~~~ ताज़ा ~ग़ज़ल~~~~~~~ अभी जाग ही रहा हु में तनहा और अकेला, सोचा के क्या कमी है तेरी याद आ गयी। ऊपर को देखा तारे देखे और देखा चाँद, बातो ही बातो में तेरी बात आ गयी। वैसे तो हर वक्त हर घडी तुझे याद किया, कितने मिले मुझे पर दिल अपना तझको दिया, न होता इंतज़ार है अब ख्वाब में ही आ मिल, देख चाँद निक

आज की नयी शायरी हकीम के साथ

12 मई 2015
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आप दोस्तों की दुआओ से आज फिर एक ग़ज़लज अ लिखा है। देखिये पढ़िए और हा अभी बहुत सी गलतिया भी निकलेंगी क्या है। न अभी तो सीख़ ही रहा हु। तो पेशे खिदमत है। न जाने कब तलक मुझको वोे युही सताएगी, कब अपने दिल का हाल वो मुझे बताएगी। एक दौर था जब उसकी हर साँस पे नाम मेरा था, क्या आज भी वो मेरे ही लिखे गीत

सफलता का विषय

1 मई 2015
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आज हम सफलता के विषय में बात करते हैआज के वक्त में सफल व्यक्ति वही है जो सुबह उठकर पहले यह तय करता है कि आज उसे क्या-क्या काम करने है। और रात तक वह उन सारे कामों को कई परेशानियों के बाद भी पूरा कर लेता है | और हा दुनिया आपको मुफ्त में कुछ नहीं देती | सफलता जैसी बेशकीमती चीज तो बिलकुल नहीं | अतः सफलत

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