मैं डा. राकेश रंजन मुन्ड ।
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जन्म मेरा शिद्ध हुआ, तन ईश्वर से मिला ।कहते हैं बरदान था, ममता तुझसे मिला ।
<p dir="ltr"><span style="font-size:1.00em;">जन्म मेरा शिद्ध हुआ, तन ईश्वर से मिला ।</span><br><p style="text-align: left;"><span style="font-size: 1em;">कहते हैं बरदान था, ममता तुझसे मिला ।</span></p> </p>
कुजंवन मैं बांसुरी के धुन मैं त्रीदश आनन्दित कृष्ण के लीला मैं कंस है दुःखित ।हय को भय हो तो न हो उसके आसन्न रेवतीरमण के साथ दुराचारी मातुल को , दिखाये मृत्यु के चरण ।।कोविद को देकर ज्ञान पार्थ को पढाये गिता भागवत