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आशुतोष कुमार यादव के बारे में

मै कई सोशल साइट्स का उपयोग करता हू परन्तु .शब्दनगरी सभी सोशल साइट्स से सबसे भिन्न हैं । यह हिंदी भाषा के सभी माध्यमों के बारे मे जानने का अच्छा साधन हैं ।.शब्दनगरी के माध्यम से सभी लोग आपस मे विचारों का हिंदी भाषा मे आदान -प्रदान कर सकते है ।,मै कई सोशल साइट्स का उपयोग करता हू परन्तु .शब्दनगरी सभी सोशल साइट्स से सबसे भिन्न हैं । यह हिंदी भाषा के सभी माध्यमों के बारे मे जानने का अच्छा साधन हैं ।.शब्दनगरी के माध्यम से सभी लोग आपस मे विचारों का हिंदी भाषा मे आदान -प्रदान कर सकते है ।

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आशुतोष कुमार यादव की पुस्तकें

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आशुतोष कुमार यादव के लेख

*****नागरिक एकजुटता से ही हारेगी महामारी *****

8 मई 2020
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आज कोरोना आपदा वैश्विक आधार ले चुकी है। दुनिया भर में मौतों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। शक्तिशाली देश इस वायरस के आगे लाचार दिखते हैं। आगे क्या होगा, यह कहना बहुत कठिन है कोरोना ने मानव के विकास की पांच मौलिक आवश्यकताओं - स्वास्थ्य, शिक्षा, सुपोषण, सम्पोषण एवं संप्रेषण को एकदम ठप कर दिया है

सबका साथ

16 अप्रैल 2020
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मुसीबत की घड़ी मेंसबका साथ चाहिये ,में सैनिटाइजर लाया हूँतुम्हारा हाथ चाहिये I

लॉकडाउन में बच्चे

12 अप्रैल 2020
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ये गालियाँ ,पार्क और मिठाई की दुकानें जो कभी बच्चों के शोर एवं किलकारियों से गूँजा करती थी, अब वह सन्नाटे के शोर से गूंज रही हैं I बच्चों की किलकारियां जो चिड़ियों के मधुर संगीत के साथ कानों में मीठा रस घोला करती थी खामोश हैI वे पार्कों के झूले जो कभी अशांत हुआ करते थ

कर्म की कीमत (कर्म योग )

7 नवम्बर 2019
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संसार में आसक्त लोगों के कल्याण के लिए कर्म योग हैं -'कर्म योगस्तु कामिनाम' Iमनुष्य का कर्तव्य -कर्म करने में अधिकार हैं,फल में नहीं-"कर्मण्येाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन" Iअर्थात बिना कर्म किये मेरे सपने बेकार हैं ,मेरी योजनायें कचरा हैं तथा मेरे लक्ष्य असंभव हैं, इन सभी का मेरे लिए कोई मूल्य नहीं है

वक़्त

22 अगस्त 2018
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वक़्त आने पर करवा देंगे हदों का एहसास, कुछ तालाब खुद को समुद्र समझ बैठे हैं।

शिक्षा का मुख्य अंग -शिक्षक

10 अगस्त 2017
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शिक्षा मुख्य रूप से तीन अंगों पर निर्भर करती हैं -(1) शिक्षक (2) विद्यार्थी (3)पाठ्यक्रम | शिक्षक शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं | शिक्षक के आभाव में शिक्षा के दोनों अंगों का कोई आधार नहीं हैं या फिर दूसरे शब्दों में कहे कि शिक्षक ही शिक्षा के दोनों अंगों का

शिक्षा का उद्देश्य

18 नवम्बर 2016
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शिक्षा जो किसी भी व्यक्ति को सही मायनों मे व्यक्ति बनाती है | परन्तु क्या इस समाज मे सभी लोग शिक्षा प्राप्त करने मे सामर्थ्यवान हैं ?नहीं | कुछ लोगों की ढेर सारी मजबूरियॉ होती हैं ऐसा नहीं है कि वो पढ़ना नहीं चाहते बशर्ते वो चाह कर भी नहीं पढ़ पाते |उन्हें समाज म

मेरे विचार

15 नवम्बर 2016
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मेरा मानना हैं कि जब तक आप स्वयं अच्छा कार्य नहीं करते हैं तब तक आप अच्छे नहीं बन सकते हैं ।

हँसी के फव्वारे

14 नवम्बर 2016
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हमें समझ नहीं आ रहा है कि लगभग ५० लाख ज्योतिषी हैंभारत मे..किसी ने नहीं बताया कि...नोट बंद होने वाले हैं

बेटी बचाओ कल बचाओ

10 नवम्बर 2016
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