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वतन शहज़ादा के बारे में

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वतन शहज़ादा की पुस्तकें

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माँ शारदे की क्रपा नहीं चाहिये भाई , हमें हुनर आता चापलूसी का जो हरजगह रहे हैं अजमाई । कवि सम्मेलन खुब मिल रहे हैं जहां लिफाफे की हैं मिठाई। कविता अपनी नहीं चुटकुले और लफ्ज़ी से शोहरत कमाई । भला हो ऐसे कवियों का जिन्होंने साहित्य की नईया दी डुबाई । व

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माँ शारदे की क्रपा नहीं चाहिये भाई , हमें हुनर आता चापलूसी का जो हरजगह रहे हैं अजमाई । कवि सम्मेलन खुब मिल रहे हैं जहां लिफाफे की हैं मिठाई। कविता अपनी नहीं चुटकुले और लफ्ज़ी से शोहरत कमाई । भला हो ऐसे कवियों का जिन्होंने साहित्य की नईया दी डुबाई । व

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वतन शहज़ादा के लेख

"जिदंगी" मिसिंग लव स्टोरी

15 दिसम्बर 2017
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"जिदंगी"मिसिंग लवDW 22/03/2015लेखक-वतन शहज़ादामै बाईक लेकर हाईवे पर आ गया ,मेरे ख्वाब मेरे सामने आ गया जो एक एक करके टूटतेजा रहे थे और बाईक की रफ्तार बडती जा रही थी ,मैंने सोचा जिसे मैंने इतनी मौहब्बत की वो पत्नी जबमेरी ना हुई तो जीने से क्या फायदा ,मैंने और स्पीड बडा दी 120/130 की स्पीड ।तब ही अचानक

चापलूसी

10 अप्रैल 2016
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माँ शारदे की क्रपा नहीं चाहिये भाई ,हमें हुनर आता चापलूसी का जो हरजगह रहे हैं अजमाई ।कवि सम्मेलन खुब मिल रहे हैं जहां लिफाफे की हैं मिठाई।कविता अपनी नहीं चुटकुले और लफ्ज़ी से शोहरत कमाई ।भला हो ऐसे कवियों का जिन्होंने साहित्य की नईया दी डुबाई ।वतन शहज़ादा

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