shabd-logo

Vijay Nayak के बारे में

"यूँ तो लिखने को मैं दरिया लिख दूँ, पर वेग उसमे कितना भरूँ । की पढ़ने वाला भीग भी जाये, और बहकर भी ना जाये ।।"

no-certificate
अभी तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है|

Vijay Nayak की पुस्तकें

बाअदब मोहब्बत

बाअदब मोहब्बत

सुरैया के पिता का निधन हो जाने के बाद उसका इस दुनिया मे कोई नही रह गया , उसके पास इतने पैसे तक नही थे कि अपने पिता के शव को कफ़न से ढक सके, इकलौता घर होने के कारण किसी से मदद मिलने की संभावना भी नही थी अगर वह मदद बुलाने जाती है तो पीछे पिता के शव के

7 पाठक
11 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 63/-

बाअदब मोहब्बत

बाअदब मोहब्बत

सुरैया के पिता का निधन हो जाने के बाद उसका इस दुनिया मे कोई नही रह गया , उसके पास इतने पैसे तक नही थे कि अपने पिता के शव को कफ़न से ढक सके, इकलौता घर होने के कारण किसी से मदद मिलने की संभावना भी नही थी अगर वह मदद बुलाने जाती है तो पीछे पिता के शव के

7 पाठक
11 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 63/-

बहते आंसू 😭

बहते आंसू 😭

"रोका है अपने आंसुओं को, आज इन्हे बहने दूं क्या... ये कुछ कहना चाहते है आज इन्हे कहने दूं क्या..." आज मेरा यार हमारे बीच नहीं है उसी के लिए 😭😭😭

3 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

बहते आंसू 😭

बहते आंसू 😭

"रोका है अपने आंसुओं को, आज इन्हे बहने दूं क्या... ये कुछ कहना चाहते है आज इन्हे कहने दूं क्या..." आज मेरा यार हमारे बीच नहीं है उसी के लिए 😭😭😭

3 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

मैं पुरुष हूं (पीड़ा में व्यंग्य)

मैं पुरुष हूं (पीड़ा में व्यंग्य)

कविता.... व्यंग्य आदमी तो कुता होता है यह कभी सुधर नहीं सकता धोखा तो फितरत में है, मासूम लड़कियों की भावनाओ से खेलता है उनका फायदा उठाता है, दहेज के लिए पत्नी से मारपीट करता है औरत को अपने पैर की जूती समझता है दुष्ट, नीच, हरामी पापी.... बस बस बस... ह

निःशुल्क

मैं पुरुष हूं (पीड़ा में व्यंग्य)

मैं पुरुष हूं (पीड़ा में व्यंग्य)

कविता.... व्यंग्य आदमी तो कुता होता है यह कभी सुधर नहीं सकता धोखा तो फितरत में है, मासूम लड़कियों की भावनाओ से खेलता है उनका फायदा उठाता है, दहेज के लिए पत्नी से मारपीट करता है औरत को अपने पैर की जूती समझता है दुष्ट, नीच, हरामी पापी.... बस बस बस... ह

निःशुल्क

Vijay Nayak के लेख

बहते आंसू

5 मई 2022
2
2

रोका है अपने आंसुओं को, आज इन्हे बहने दूं क्या... ये कुछ कहना चाहते है आज इन्हे कहने दूं क्या.. छिपा के रखा था इन्हे खुद से ही मेरे ही तो है, इन्हे मुझसे मिलने दूं क्या.... जो नही होना था, वो भी हो गय

बाअदब मोहब्बत 1

30 अप्रैल 2022
1
2

कांपते हाथों से सुरैया ने वो लकड़ी हाथ मे लेकर चिता को आग लगाई तब भी नर्स ने उसे थामे रखा जैसे ही चिता को आग लगाई और वह जलने लगी सुरैया की उदास आंखे एक बार फिर आंसुओ से भर गई नर्स ने उसे संभाला और

पिता का अंतिम संस्कार

30 अप्रैल 2022
1
0

वहां ईधर उधर देखने पर भी कुछ नही दिखा तो इंस्पेक्टर वापस जाने को मुड़े तभी उनके पीछे से धीरे से आवाज आई इंस्पेक्टर सर... इंस्पेक्टर ने मुड़कर देखा पीछे वही नर्स खड़ी थी जो अक्सर सुरैया के साथ दिख

नफरत या मोहब्बत 1

30 अप्रैल 2022
1
0

इंस्पेक्टर हॉस्पिटल में प्रवेश करने लगते है तभी.. अरे इंस्पेक्टर, आप इतनी रात गए कैसे आना हुआ - सामने से डॉक्टर अशोक सिंघल बाहर की ओर आते हुए कहने लगे आने से पहले एक खबर तो कर दी होती, हम आपके ल

नफरत या मोहब्बत

30 अप्रैल 2022
1
0

उधर हॉस्पिटल में ..... सुरैया को होश आया तो डॉक्टर उसके पास ही बैठ गए और उसकी आंखो में देखकर कहने लगे "अब तुम्हें डरने की कोई जरूरत नहीं, जब तक तुम पूरी तरह से ठीक नही हो जाती मेरी मर्जी के

बाअदब मोहब्बत

30 अप्रैल 2022
1
0

मतलब ये की उसका घर वही कहीं आस पास होना चाहिए .. चलो चलते है... चारों को लॉकअप में बंद करके इंस्पेक्टर अपनी टीम लेकर निकलते है सुरैया का घर ढूंढने के लिए , हाईवे पर पहुंचकर पुलिस की गाड़ी रुकत

कुबूलनामा

30 अप्रैल 2022
1
0

इंस्पेक्टर हॉस्पिटल से वापस थाने पहुंचे तब तक उन चारों अपराधियों का इलाज करवा दिया गया था उनके हाथ पैरो पर पट्टी और चेहरे पर भी कई जगह दवाई लगी थी उसकी हालत याद करके मुझे बार बार तुम पर गुस्सा आ

मोहब्बत

30 अप्रैल 2022
1
0

काफी देर तक उनपर यूं ही डंडे बरसाने के बाद भी जब इंस्पेक्टर का गुस्सा शांत नही हुआ तो सर ऐसे तो आप यहीं पर इनकी जान ले लेंगे - कॉन्स्टेबल ने कहा तो इंस्पेक्टर का ध्यान टूटा चारों बदमाशों के हाथ

अपराधियों की गिरफ्तारी

30 अप्रैल 2022
1
0

थाने में इंस्पेक्टर  (दिगेंद्र सिंह राठौड़) बैठे हुए कुछ सोच रहे थे कि तभी उनके सामने टेबल पर रखा फोन बजा हेल्लो इंस्पेक्टर दिगेंद्र राठौड़ स्पीकिंग  हेल्लो सर हमने उन चारो बदमाशों को पकड़ लिया

हॉस्पिटल में एडमिट

30 अप्रैल 2022
1
0

अरे मदद करो इसकी जल्दी से हॉस्पिटल लेकर चलो - इंस्पेक्टर ने कहा तो बाकी कांस्टेबल दौड़ पड़े और उसे हॉस्पिटल में ले आए अब सुरैया हॉस्पिटल के आई सी यू में भर्ती थी जहाँ डॉक्टर उसका इलाज कर रह

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए