मै विनीत कुमार मिश्र मेरा पसंदीदा विषय हिन्दी है,और मैं सुल्तानपुर का रहने वाला हूँ।
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|| रामहिं केवल प्रेम पियारा ||प्रेम ही सम्पूर्ण साधनाओं का सार तत्व है और यही भक्ति का प्राण भी है-रामहि केवल प्रेम पियारा| जानि लेऊ जो जाननिहारा||(रामचरित मानस)जप, तप ,शम ,दम ओर नियम चाहे कितने भी साधन कर लिये जायें लेकिन यदि प्रभुचरणों में प्रेम नहीं हो तो उपर्युक्त सारे प्रयास निष्फल चले जायेंगे|
जहाँ डाल डाल पर सोने - Jahan Daal Daal Par Sone Ki (Md.Rafi) Movie/Album: सिकंदर-ए-आज़म (1965) Music By: हंसराज बहल Lyrics By: राजिंदर कृषण Performed By: मो.रफ़ी जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियां करती है बसेरा वो भारत देश है मेरा जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा वो भारत देश है मेरा (जय भ
बहुत समय पहले की बात है वृन्दावन में एक महात्मा जी का निवास था जो युगल स्वरुप की उपासना किया करते थे.....एक बार वे महात्मा जी संध्या वन्दन के उपरान्त कुँजवन की राह पर जा रहे थे, मार्ग में महात्मा जी जब एक वटवृक्ष के निचे होकर निकले तो उनकी जटा उस वट-वृक्ष की जटाओं में उलझ गईं, बहुत प्रयास किया सुलझा
एक दिन स्वामी विवेकानन्द दुर्गाबाड़ी से माँ दुर्गा के दर्शन करके जब लौट रहे थे, तो बन्दरों का एक दल उनके पीछे लग गया। यह देखकर स्वामी जी ने कुछ भय से लम्बे-लम्बे डग भरने आरंभ कर दिए। बन्दरों ने भी उसी तेज गति से उनका पीछा जारी रखा। यह देखकर स्वामी जी और भी शंकित हो उठे और बन्दरों से छुटकारा पाने के