सभी साथियों को विश्व दर्शन दिवस की हार्दिक बधाई। दर्शन सिर्फ अवधारणाओं पर चिंतन नहीं है बल्कि उनको फलीभूत करने से भी जुड़ा है। जिस दिन दार्शनिक और विचारक अपने इस दायित्व को समझ जायेंगे उस दिन समझ लेना भारत सचमुच में आजाद हो गया। वरना धर्म और निम्न मुद्दों को उठाकर जनता को आपस में भिड़ाने वाले नेता और इनके टट्टुओं की इतनी हिम्मत न होती की देश को गर्त में ले जाने की। जिस दिन भारतीय समाज में दोबारा से चिंतन और मनन शुरू हो जायेगा और और लोग अपने सही शत्रुओं को पहचान कर उन्हें नकारना शुरू कर देंगे उस दिन देश की ज्यादातर सामाजिक समस्याओं से लड़ने का मार्ग हमारे पास होता। उसी स्वर्णिम दिवस की उम्मीद में हमारा चिंतन प्रयासरत रहना चाहिए।
आप सभी को इस पूर्ण दिवस की हार्दिक बधाई।