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विश्वास की डोर

27 जनवरी 2024

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विश्वास की पक्की डोर 
जिसे हम प्रेम समझने की भूल कर बैठे थे 
दरसल वो तो किसी और के लिए महज 
वक्त गुजारने का जरिया भर था
क्यों सही कहा ना ? 
वक्त ही तो गुजारना था ना तुम्हे 
और कमबख्त मैं पागल, झल्ली  
तुम पर यकीं कर बैठी 
अपने विश्वास की पक्की डोर 
तुमसे जोड़ बैठी, 
तुम पर अंधभक्त की तरह विश्वास 
मेरे जीवन की सबसे बड़ी भूल थी 
जिसकी क्षति मैं जीवन भर 
पूर्ण नहीं कर पाऊंगी, तुमने सिर्फ 
मेरे ह्रदय को ही नही बल्कि 
मेरे आत्मसम्मान को भी 
गहरी चोट पहुंचाई है 
जानते हो तुम ! तुम्हारे बाद 
तुम पर क्या मैं कभी किसी 
पर भी भरोसा नहीं कर पाऊंगी
विश्वास की पक्की डोर कभी 
किसी से ना जोड़ पाऊंगी....

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत बेहतरीन 👌👌

27 जनवरी 2024

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नन्हा आशिक़

20 जुलाई 2023
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नन्हा आशिक़ पिता से चिपका अंश सिसक पड़ा।जगमोहन बाबू और अथर्व कुछ समझ न पाएं। थोड़ी देर में अंश पहले की भांति दादा साथ खेलने लगा। &nb

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फूल और तितली

24 जनवरी 2024
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फूल और तितलीएक तितली मायूस सी बैठी हुई थी । पास ही से एक और तितली उड़ती हुई आई । उसे उदास देखकर रुक गई और बोली - क्या हुआ ? उदास क्यों इतनी लग रही हो ?वह बोली - मैं एक फूल के पास रोज जाती थी । हमारी आ

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प्रेम का स्थान

27 जनवरी 2024
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विश्वास की डोर

27 जनवरी 2024
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उत्कृष्ट प्रेम

27 जनवरी 2024
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उत्कृष्ट प्रेमजब प्रेमी, प्रेमिकाएं प्रेम में पड़ते है तो बहुत अद्भुत अनुभूति होती है। किंतु जब प्रेम में बिछड़ते है तो अत्यंत पीड़ा झेलनी पड़ती है क्या असल में प्रेम इतना उत्कृष्ट होता

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