जब धैर्य नहीं वृकुटी से पूछा कि तुम में है आवाज क्योंकि तो वह कहने लगा यह आवाज मैंने नहीं की उसने फिर पूछा क्या आवाज तुमने क्यों की उसने कहा मैंने नहीं की उन्होंने कहा ठीक है कोई बात नहीं लेकिन उन्हीं के गांव के पास एक शैतान रहता था जिसका नाम चिरकाल था इतना शैतान इंसान था कि इंसान तो उसको कहना छोड़ो जानवर भी करने के लायक नहीं है उसने 5 वर्ष की उम्र में अपनी बहन को मार डाला और जब वह बड़ा हुआ तो उसने अपने परिवार के जितने भी भाई मां बाप सबको उसे मौत के घाट उतार डाला अब तो वह है चारों तरफ बवंडर की तरह नंग धड़ंग बाल बिखरे हुए दारू चरस गांजा पीती का घूमता रहता है कोई भी इंसान आदमी हो या पुरुष कोई भी मिले सबको वह गालियां देता और अगर गालियां दे सुनकर कोई भी उससे कुछ कहता तू है उनको मारता वह इतना बलवान था वह इतना बलवान था कि अकेले ही 2 कुंटल भाई जान उठा सकता था उसकी भुजाएं खंबे के समान थी उसकी सीना शेर जैसा था कंधे चीते के जैसे थे बलवान तो था लेकिन शैतान था उधर पांचों भाई वह आपस में कभी नहीं झगड़ते थे इसलिए उसके पास कोई भी चारा नहीं था कि वह उनसे झगड़ सकता लेकिन उसकी नजर उसकी दौलत पर थी वह सोचने लगा कि जब तक यह पांचों भाइयों में आपस में नहीं झगड़ा होगा तब तक मैं इसके संपत्ति नहीं हड़प सकता और उसके पास उसी जैसे उसी की तरह जिद बलवान इतने लड़के थे इतने लड़के थे कि वह उन लड़कों के साथ जिधर भी जाता उधर हाहाकार हो जाता