हे यज्ञ देवता नमस्कार
है महिमा तेरी अति अपार, है…..
जय वायु शुद्ध करने वाले, भक्तों का दुःख हरने वाले।
सुख शांति धन वैभव आदी, भक्तों के घर भरने वाले।।
है नमन हमारा बार-बार। .
यज्ञों से हो पवित्र आत्मा, यज्ञों से खुश हो परमात्मा।
तुम ही हो जग पालनकर्ता, तुम ही हो जग के जगदात्मा।।
आ जाओं सुन करके पुकार।
संसार तुम्हारे चरणों में, है दास तुम्हारे चरणों में।
तुम फैले हो इस दुनिया में, अनेक जाति अरू वरणों में।
जय देवों को जीवनाधार।
देवता भोग तुम से पाए, भक्तों पे दया फिर दिखलाए।
सब देवों सहित प्रभु आरती, खुश होके कमलानंद गाए।।
लो नमन सभी का बार-बार। हे यज्ञ देवता नमस्कार…