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ये उम्मीद ना थी तुमसे

5 सितम्बर 2021

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ये उम्मीद ना थी तुमसे,

दूर चले जाओगी यूं पता ना था, दिखावे का प्यार किया था तुमने,
दिल लगाया तुमसे अपना, मेरे प्यार का अच्छा फ़ायदा उठाया तुमने।
जाना ही था छोड़ कर अगर, मुझसे प्यार का इजहार किया ही क्यों तुमने।
फिर रहा पागल - पागल दर बदर, जीने के लायक नहीं छोड़ा मुझे तुमने।।
उड़ाया मज़ाक मेरे जज़्बातो का, मीठी -मीठी बातों से मुझे बहलाया तुमने,
किया तुम्हारी हर अरमानो का पूरा, सब से दूर करवाया मुझे तुमने।।
सब अपनों को दूर किया तुम्हारे लिए, छोड़ दिया मुझे भी तुमने।
करुं भी तो किससे करुं बया अपना दर्द, मेरे सब अपनों को छीन लिया है जो तुमने।।
टूट गया भरोसा प्यार से मेरा अब, दिल जो मेरा तोड़ दिया तुमने।
खत्म हो गयी जीने की आश मेरी अब, जीने के लायक नहीं छोड़ा तुमने।।
दूर रहना प्यार की गलियों से अब मुझे, पास ला कर दूर कर दिया मुझे तुमने।
बदला लेने आयी थी मुझसे तुम, मेरे मनोबल को तोड़ दिया तुमने।।
गलती तूने ही की संस्कार एतबार किया उसपे, अपने पास आने क्यों दिया तुमने।
टूट गया आखिर दिल तेरा, सच्चा प्यार किया था उससे तुमने।।

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शानदार कृति मान्यवर 👌👌👌👍👍👍✌✌✌🙏🙏

5 सितम्बर 2021

Sanskar Agrawal

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सादर धन्यवाद आपका 🙏🙏😊

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