श्री इंडिया (1 9 87) के जिंदगी की याही रीट है गीत जावेद अख्तर द्वारा लिखे गए हैं, यह लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल द्वारा लिखे गए हैं और किशोर कुमार द्वारा गाए गए हैं।
मर. इंडिया (Mr. India )
ज़िन्दगी की यही रीत है (Zindagi Ki Yahi Reet Hai ) की लिरिक्स (Lyrics Of Zindagi Ki Yahi Reet Hai )
ज़िन्दगी की यही रीत है हार के बाद ही जीत है ज़िन्दगी की यही रीत है हार के बाद ही जीत है थोड़े आंसू हैं
ज़िन्दगी रात भी है
ग़म का बादल जो छाये तो हम मुस्कुराते रहे ग़म का बादल जो छाये तो हम मुस्कुराते रहे अपनी आँखों में आशाओं के दीप जलाते रहे आज बिगड़े तो कल फिर बने ा