9 महीने की प्रेग्नेंसी में कई परेशानियों को झेलने के बाद जब कोई महिला मां बनती है और उसकी गोद में नवजात शिशु आता है तो उस समय की खुशी में महिलाएं अपना सारा दर्द भूल जाती हैं. उस नन्हे मेहमान की को मां अपने हाथों में लेकर दुनिया का सबसे अनोखे सुख का अनुभव करती हैं क्योंकि 9 महीने का गर्भावस्था का समय एक महिला के लिए बहुत मुश्किल भरा होता है. मगर सबसे बड़ा चैलेंज तब होता है जब उस नवजात शिशु की देख-रेख अच्छे से होती है. जब आपका बेबी दो महीने का हो जाए तब 2 Month Baby Care Tips In Hindi वाला लेख आपकी मदद करेगा.
नवजात शिशु की देखभाल है जरूरी - care of two months baby
अपने पहले बच्चे की डिलीवरी पर हो सकता है कि आपको बहुत सारी बातों का पता नहीं हो, इसलिए सबसे पहले किसी अस्पताल की में स्त्री रोग विशेषग्य से सलाह लीजिए. इसके बाद जब बच्चे का जन्म हो तो उसकी देखरेख के बारे में भी बेस्ट उपायों के बारे में जानिए. बच्चे के जन्म के बाद उनकी देखरेख के लिए उन एक्सपर्सट्स की सलाह लें जो चाइल्ड स्पेशलिस्ट हों.
1. नवजात शिशु को उन लोगों से दूर रखें जो तुरंत बाहर से आए हों और बच्चे को गोद में लेना चाहते हों. उन्हे पहले साबुन, हैंड वॉश लिक्विड या फिर सेनेटाइजर से हाथ को साफ करवाएं फिर बच्चे को छूने दें.
2. नवजात शिशु की गर्दन बहुत नाजुक होती है उसे विकसित होने में थोड़ा समय लगता है इसलिए इसलिए कभी भी दो महीने के बच्चे को गोद में लें तो शरीर के साथ-साथ उसकी गर्दन को भी अच्छे से सहारा दें.
3. कभी भी नवजात शिशु को जोर-जोर से नहीं हिलाएं इससे बच्चे के सिर में खून जमने लगता है और आगे चलकर ये गंभीर बीमारी बन सकती है.
4. नवजात शिशु के सोते समय जोर से पंखा कभी भी नहीं चलाएं क्योंकि इससे नवजात शिशु को सांस लेने में होने लगती है.
दो महीने के शिशु के लिए बरतें ये सावधानी
शिशु के जन्म के बाद सबसे ज्यादा खुशी माता-पिता को होती है और इस मामले में वे उसकी अच्छे से देखरेख करना चाहते हैं. मगर कभी-कभी उत्सुकता में वे यह बात नहीं समझ पाते कि उनकी देखरेख असल में किस तरह से करनी चाहिए. इससे जुड़ी कई बातें वे ऑनलाइन पढ़ने लगते हैं, जिसमें care of newborn baby के बारे में कई बातें सामने आती हैं. बच्चों की देखरेख करना बच्चों का काम नहीं है क्योंकि बच्चों की जिम्मेदारी एक ऐसी जिम्मेदारी है. जिसे समय पर करना ही होता है. बच्चों को मजबूत बनाने के लिए आपको उन्हें नरिश तो करना ही होता है इसके साथ ही कुछ ऐसे भी टिप्स हैं जिन्हें आपको मानना चाहिए, क्योंकि वो सुझा हर किसी के लिए बेनिफिट का काम ही करता है.
नवजात को संभालने का सही तरीका -
2 महीने के बच्चे यानी नवजात शिशु बहुत नाजुक होते हैं और उन्हें संभालने के लिए बहुत ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है. इसके लिए हमें सही तरीके का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसमें सबसे पहले सेनेटाइजर से हाथ साफ करना आता है. किसी नवजात का इम्यूनिटी सिस्टम बड़ों के मुकाबले बहुत कमजोर होता है तो उनकी साफ सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए. बच्चों की हड्डियां बहुत नाजुक होती हैं इसके लिए उन्हें अच्छे सपोर्ट के साथ उठाएं और जब बच्चे को गोद में लें तो हमें उनके हिसाब से पोजिशन चेंज करनी चाहिए.
नवजात को नहीं दें जरा भी झटका -
नवजात शिशु को कभी जोर से हिलाएं या झकझोरें नहीं क्योंकि एक स्टडी के मुताबिक ये बात सामने आई है कि ऐसा करने पर बच्चों पर SIDS (Sudden Infant Death Syndrome) का खतरा बढ़ता है. इससे बच्चे के सिर के खून जमने लगता है और इससे उसकी मौत भी हो सकती है. वहीं आप अगर बच्चचे को नींद से जगा देते हैं तो ये बेहतर तरीका है कि उसके पैर में हल्की सी चिकोटी काट लें.
स्तनपान कराने का सही तरीका - Best Tips of Breastfeesing
नवजात बच्चे के लिए मां का दूध रामबाण इलाज है हर बीमारी का, बस उन्हें सही तरीके से फीडिंग कराएं. प्रसव के तुरंत बाद ही मां का पीलेपन वाला गाढ़ा दूध बच्चे की इम्यूनिटी को बढ़ाता है. वहीं स्तनपान के लिए शिशु और मां का सही पोजिशन होना चाहिए जिसमें मां अपने दोनों बाजुओं में शिशु को उठाकर उसके पूरे शरीर को अपनी छांती से नही लगा क्योंकि ऐसा करने से बच्चे का दम घुटने लगता है. बच्चे को स्तनपान कराते समय नाक से ही सांस लेता और छोड़ता है क्योंकि बच्चे का मुंह बंद रहता है ऐसे में उसकी नाक के छेद को देखते रहें कि बाहर है या नहीं जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ ना हो.
बोलत का दूध पिलाने का तरीका - Bottle Feeding
अगर आप बच्चे को स्तनपान नहीं करा सकती और वो बेबी फूड या पाउडर के दूध की बोतल की फीडिंग कर रहा है तो इसके लिए आपको बोतल अच्छे से गरम पानी में धुल लेना चाहिए. इसके बाद दूसरे उबले पानी में पाउडर मिलाकर उसे अच्छे से घोल लें और फिर बच्चे को बोतल पकड़ाएं और देखते रहें अगर दूध खत्म हो जाए तो उसे तुरंत हटा लें वरना उसकी रबड़ बच्चे को नुकसान कर सकती है.
सुलाने का तरीका -
नवजात बच्चे को किसी गर्म और नर्म चीज में ही लपेटकर रखना चाहिए. इससे बच्चा सेफ महसूस करता है और फिर बच्चे को कम से कम 16 से 20 घंटे तक सोने दें तभी उसकी हेल्थ ठीक रह सकती है लेकिन याद रहे कि ये सिलसिला सिर्फ न्यू बॉर्न बेबी या फिर 2 से 4 महीने के बच्चे के लिए उपयोगी है उसके बाद उसकी नींद कम कराते जाएं.जिस कमरे में बच्चा सो रहा है वहां पूरा अंधेरा कर दें क्योंकि बच्चे को लगना चाहिए कि अभी वो गर्भ में है जिससे वो किसी भी तरह से डर का एहसास नहीं करे.