पेचिश क्या है?
पेचिश शरीर कमजोर कर देने वाली एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। पेचिश को dysentery भी कहते हैं। यह दो प्रकार की होती है- एक नॉर्मल dysentery और एमिबिक dysentery। अगर शरीर में अपच की स्थिति तुरंत ठीक न की जाय तो काफी पतले दस्त होने लगते हैं और मल में चिकनापन होने लग जाता है, जिसे आम भाषा में आंव कहते हैं। जिसमें बार-बार मल निकलने लगता है। यही पेचिश के लक्षण या dysentery symptoms होते हैं।
ऐसा मल निकलते समय पेट में तेज सी मरोड़ होने लगती है। जिससे काफी थकान हो जाती है। आपको बता दें कि मल में ज्यादा मात्रा में कफ के साथ गैस भी निकलती है।
बैसीलरी Dysentery : यह रोग यदि जल्द से जल्द ठीक न किया जाये तो बहुत लम्बा, कठिन और कभी-कभी न ठीक होने की स्थिति में पहुंच जाता है। इसका आक्रमण अचानक होता है और इसके साथ बुखार भी हो सकता है। और यदि आप जांच कराते हैं तो इसके कीटाणु तीन प्रकार के पाए जायेंगे-
1. शिगा वर्ग
2. सोन वर्ग
3. फ्लेक्सनर वर्ग
इसके कीटाणु मुंह के रास्ते शरीर में पहुंचकर आंत में इकट्ठा हो जाते हैं। ये अक्सर गर्मी या बर,त के समय हमला करते हैं।
क्या है पेचिश का कारण और कौन है जोखिम में?
शिगेलोसिस और अमीबिक पेचिश आमतौर पर स्वच्छता न रखने पर होते हैं। जैसे कि बासी खाना, दूषित पानी, अच्छे तरीके से हाथ न धोना। हिगेलोसिस ज्यादातर उन लोगों में फैलता है जो पेचिश से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, जैसे कि लोग: घर पर, स्कूल्स में, नर्सिंग होम में।
पेचिश के इलाज के लिए तरीके
loose motion ka ilaj यह है कि पहले तो खाने वाली दूषित पदार्थों से बचें और नियमित तरीके से खाना खायें। यदि अपच की स्थिति हो तो तुरंत इसका इलाज करें। प्रथम चिकित्सा की बात करें तो हमेशा पानी उबालकर पियें और कहीं भी जायें तो साथ बॉटल में लेकर चलें। मिठाई व तली हुई चीजों का सेवन न करें और साथ ही गर्म मसाला, घी, तेल आदि से दूर रहें।
कुछ आसान से घरेलु उपाय (home remedies for dysentery)
1. एक गिलास दूध में एक चम्मच पिसी सोंठ डालकर उबाल सें। जब हल्का गर्म रहे तब इसमें 2 बड़े चम्मच अरण्डी का तेल (केस्टर ऑइल) डालकर रात में सोने से पहले 3-4 दिन तक लगातार पिएं।
2. ताजे जमें हुए मट्ठे व दही में इसबगोल एक चम्मच मिलाकर दिन में तीन बार लें।
3. 5 ग्राम राल, 10 ग्राम मोचरस और 20 ग्राम गुण मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर दो दो गोली सुबह लें। अरण्ड के पत्ते को हलका सा गर्म करके इन पर जरा सा शुद्ध घी लगाकर पेट पर बांध लें। इसके बाद गर्म कपड़े से सेंक दें। इससे आपका पेट दर्द दूर होता है।
4. बेल का गुदा निकालकर 2 लीटर पानी में उबाल लें फिर इसे छानकर 2 किलो शक्कर मिलाकर शरबत बना लें। दो से तीन गिलास दिन भर में पिय़ें।
5. भोजन करने के बाद आधा कप पानी में कुजारिष्ट तथा विडंगारिष्ट दो- दो चम्मच घोलकर पियें।
6. अतिसोल की गोली 3 बार 2-2 गोली लें।
निष्कर्ष- जैसा कि हमने यह देखा कि पेचिश एक बहुत ही गंभीर बीमारी और इसका इलाज जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। अगर समय पर इसका इलाज न हो तो यह शरीर के स्वास्थ्य के हानिकारक व जानलेवा भी है। आपको बता दें कि पेचिश के उत्तम इलाज के लिए हमारी एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम लगी हुई है। अगर आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है तो इस लिंक https://health.shabd.in/ पर जाकर सही सलाह ले सकते हैं।