कुलपति साहब तो क्या
उस छात्रा को
संस्थान की अस्मिता के लिए
अपनी अस्मिता
क़ुर्बान करनी चाहिए थी ?
बीएचयू के मुखिया को
ऐसी बयानबाज़ी करनी चाहिए थी ?
सभ्यता की सीढ़ियाँ
चढ़ता मनुष्य
पशुओं से अधिक
पाशविक व्यवहार पर
उतर आया है
साइकिल पर शाम साढ़े छह बजे
बीएचयू कैम्पस में हॉस्टल जाती
एक छात्रा के
वस्त्रों में
बाइक पर सवार होकर
हाथ डालने के संस्कार
किसी माँ-बाप ने
अपने अशिष्ट,मनोरोगी बेटे को दिये हैं ?
मीडिया प्रबंधन की
पोल खुल गयी है
विज्ञापनों के फेर में
मीडिया-मालिक की ज़ेहनियत पर
संवेदना की कलई अब धुल गयी है।
अफ़सोस कि वाराणसी एक तीर्थ है
जहाँ मानवता को
शर्मसार करने वाले भेड़िये पलते हैं
सर्वविद्या की सांस्कृतिक राजधानी में
वर्जनाओं की फ़ौलादी ज़मीं पर
सामंतवादी पुरुषसत्ता की टकसाल में
सांस्कृतिक बेड़ियों के सिक्के ढलते हैं।
धरने पर बैठी बेटियाँ
अपनी सुरक्षा के लिए
सड़क पर रात गुज़ारती हैं
अँधेरी रात में वे निहत्थी हैं फिर भी
पुरुष-पुलिस की सर पर लाठियां खाती हैं
कमाल का मलाल है बनारसी लोगों के मन में
उन्हें अफ़सोस है कि प्रधानमंत्री के काफ़िले का रुट बदलने से
उनके द्वार की मिटटी पवित्र न होने पाई ... .!
सुनो !
खोखली मान्यताओं के पहरेदारो
बेटी है अब सड़क पर उतर आई
नए मूल्यों की इबारत लिखने से रोक पाओगे ?
सुनो!
पशुओं को भी लज्जित कर देने वाले दरिंदो
तुम भी किसी के जीवनसाथी क्या अब बन पाओगे ?
तुम भी किसी बहन के हो भाई
या किसी बेटी के बनोगे बाप..!
तुम्हारा ज़मीर जाग जाय तो अच्छा है
वरना जीवनभर अंधकार में भटकोगे कचोटेगा संताप..!
ख़ुफ़िया-तंत्र को चुल्लूभर पानी काफ़ी है
हमारी ओर से उसे नहीं कोई माफ़ी है।
ख़बर है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की
नींद आज खुल गयी है
राष्ट्रीय महिला आयोग की
न जाने क्यों घिग्घी बंध गयी है ?
#रवीन्द्र सिंह यादव
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हुई छेड़छाड़ की अभद्र घटना पर मेरा लेख -
राष्ट्रवाद की चालाक व्याख्या में पिसती छात्राओं की आज़ादी
https://hamaraakash.blogspot.in/2017/09/blog-post.html
शब्दार्थ / पर्यायवाची। WORD MEANINGS
कुलपति= विश्वविद्यालय का शीर्ष अधिकारी /VICE CHANCELLOR
संस्थान - INSTITUTE
बाइक = मोटर साइकिल, स्वचालित दो पहिया वाहन / MOTOR CYCLE /BIKE
अशिष्ट = असभ्य , शिष्टाचार से परे ,बदतमीज़ ,गुस्ताख़ / UNCIVILIZED