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गजल

25 फरवरी 2022

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गम गर अपने बतलाएँगे
अपने हिस्से क्या पाएँगे
है हाला तो राम भरोसे
हम साँसों से मर जाएँगे
अपने घर मे बिखरे है जो
कैसे किसके घर जाएँगे
दोनों हाथों जिम्मेदारी
कैसे कुंडी खटकाएँगे
उलटे उलटे पग पड़ते है
है मुश्किल तो पर जाएँगे
छाओ के धोखे रख कायम
साये खुद ही डर जाएँगे
तू भी नींदे ओढ़ पहन लें
चल सपनो का सर खाएँगे
कुछ नज्में ही दौलत है
तेरे हक में कर जाएँगे
जो शब्दो के मतलब समझा
तय तहखाने भर जाएँगे

मुकेश सोनी सार्थक

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गजल

25 फरवरी 2022
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गम गर अपने बतलाएँगेअपने हिस्से क्या पाएँगेहै हाला तो राम भरोसेहम साँसों से मर जाएँगेअपने घर मे बिखरे है जोकैसे किसके घर जाएँगेदोनों हाथों जिम्मेदारीकैसे कुंडी खटकाएँगेउलटे उलटे पग पड़ते हैहै मुश्किल तो

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26 फरवरी 2022
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3 मार्च 2022
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23 मार्च 2022
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