shabd-logo

धर्म

hindi articles, stories and books related to dharm


"यह लोगों की गलतफहमी है  कि किसी की सहायता धन से होती है  जबकि धन तो एक निमित्त मात्र है।  वास्तविक सहायता तो मस्तिष्क, पवित्र हृदय और मन करता है।"   {254}    "दुनिया में सबसे भाग्यशाली वही है,

featured image

हनुमान जी से सीखें प्रबंधन और जीवन का सब Management And Life Lessons From Hanuman Ji : नमस्कार दोस्तों, सुधबुध में आपका स्वागत है।आजकल लोग ऑफिस की पॉलिटिक्स या काम काज के बोझ से बहुत परेशान रहते

यदि विचार करके देखा जायगा तो स्पष्ट प्रकट होगा कि भारतवर्ष का सबसे प्राचीन मत वैष्णव है। हमारे आर्य लोगों ने सबसे प्राचीनकाल में सभ्यता का अवलंबन किया और इसी हेतु क्या धर्म क्या नीति सब विषय के संसार

हम जब भी किसी धर्म विशेष का विश्लेषण करते हैं तो सबसे पहले उसकी बुराइयों और अच्छाइयों पर अधिक ध

featured image

 देवोत्थान एकादशी 

सूर्य के तुला राशि में आ जाने पर आने

 कामाग्नि से जन्‍म है होता, 

जठराग्नि से जीवन चलता। 

चिताग्नि से म

*श्री यतिराजाय नमः*🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺 *गुरु हि सफलता का स्रोत**भाग ५:-----**गतांक से आगे:----*गुरु के बारे में शास्त्र में कहा गया है--*गुरूर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः! गुरु साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः*अर्थात:- वास्तव में ही पूर्णता का दूसरा नाम गुरु है अष्ट महा सिद्धियां गुर

*जय श्रीमन्नारायण*🌹💐🌹💐🌹💐🌹💐 *गुरु ही सफलता का स्रोत**भाग:-----३*🌲🌿🌲🌿🌲🌿🌲🌿 *गतांक से आगे*---- *क्या गुरु का भी ऋण होता है*--------तो उत्तर आएगा हां शिष्य अपने गुरु का ऋण कभी उतार ही नहीं सकता अपने माता-पिता का ऋण उतार सकता है अपने स्वजनों का ऋण उतार सकता है क्योंकि उनसे उसके देश

featured image

*इस संसार में जन्म लेने के बाद कोई भी प्राणी दुख नहीं पाना चाहता | चाहे वह अच्छे कर्म करने वाला हो या बुरे कर्म करने वाला | अच्छे बुरे सभी लोग सुख ही पाना चाहते हैं क्योंकि सुख ही , आनंद की आत्मा का मूल स्वभाव है | इस सुख को प्राप्त करने के लिए कोई दान , पुण्य , परोपकार आदि अच्छे कर्म करता है और को

featured image

*इस संसार में भक्तजन सदैव से निर्गुण निराकार एवं सगुण साका की आराधना करते आये हैं | कोई निराकार ब्रह्म की पूजा करता है तो कोई साकार की | साकार को जाने बिना निराकार को नहीं जाना जा सकता है | जो प्रेम , भाव एवं लीला का अनुभव सगुण साकार में हो सकता है वह निर्गुण निराकार में शायद ही हो पाये | कुछ लोग कह

featured image

*मानव जीवन में अनेक प्रकार की जिज्ञासा उत्पन्न होती रहती हैं इन जिज्ञासाओं को शांत करने का सुगम उपाय है सत्संग करना | बिना सत्संग के मनुष्य का विवेक जागृत नहीं होता परंतु सत्संग करना भी कोई सरल बात नहीं है | यह भी एक साधना है | बिना साधना के कुछ भी नहीं प्राप्त किया जा सकता | बिना साधन के कोई भी साध

‘मंथरा’ येशब्द सुनते ही हमारे सामने एक अधेड़ उम्र की कुरूप,घृणित किन्तु रामायण की अत्यंत महत्वपूर्ण स्त्री की छवि बन जाती है जिसकानाम था ‘मंथरा’। इस पात्र ने हमारे मन मस्तिष्क पर इतना गहरा प्रभाव छोड़ा है कि आजभी जब हम किसी नकारात्मक स्वभाव वाली महिला को देखते हैं तो के

featured image

*इस संसार में अनादिकाल से जो धर्म स्थित है उसे सनातन धर्म कहा जाता है | सनातन का अर्थ है जो शाश्वत हो, सदा के लिए सत्य हो | जिन बातों का शाश्वत महत्व हो वही सनातन कही गई है | जैसे सत्य सनातन है , ईश्वर ही सत्य है, आत्मा ही सत्य है , मोक्ष ही सत्य है और इस सत्य के मार्ग को बताने वाला धर्म ही सनातन धर

featured image

*इस धरा धाम पर आदिकाल से स्थापित एकमात्र धर्म सनातन धर्म को माना गया है , धीरे-धीरे सनातन धर्म से भी अनेकों शाखाएं निकली जिन्हें लोगों ने अपने अनुसार नाम देकर धर्म बता दिया | सनातन धर्म इतना अलौकिक एवं दिव्य है कि इसे जान पाना , समझ पाना किसी साधारण व्यक्ति के बस की बात नहीं है | वैसे तो कहा जाता

featured image

*इस संसार में जन्म लेने के बाद मनुष्य भगवान को प्राप्त करने का अनेकों साधन साधता है | भगवान को प्राप्त करने के अनेक मार्ग हमारे सनातन धर्म में बताये गये है परंतु इन सभी साधनों में प्रधान साधन है "सर्वभूत हित "अर्थात जीव मात्र में परमात्मा का दर्शन करते हुए उनका हित करना | भगवान जीव मात्र में स्थित ह

featured image

*इस संसार में आदिकाल से लेकर आज तक अनेक भक्त हुए ! अनेकों भक्तों को तो भक्त शिरोमणि तक की उपाधि दे दी गई परंतु भगवान राम का प्रिय दास होने का सौभाग्य मात्र हनुमान जी को ही प्राप्त हुआ | हनुमान जी के अनेकों नाम इस संसार में विख्यात है परंतु सबसे लोकप्रिय हनुमान ही हुआ | हनुमान जी क्या है ? इसको बताते

featured image

*सनातन धर्म में अनेकों व्रत उपवास बताए गए है जो मनुष्य को भौतिकता से कुछ क्षण के लिए उबार कर सात्त्विकता की ओर अग्रसर करते हैं | अपनी संस्कृति एवं संस्कार को.जानने का सशक्त साधन हैं समय समय पर पड़ने वाले हमारे व्रत एवं उपवास | वैसे तो सनातन धर्म में व्रत उपवासों की वृहद श्रृंखला है परंतु कुछ व्पत वि

अन्नदाताओं का मसला है। कानून घिर गया।ठंड़ीयो से खेलेंगे, दिल्ली बॉर्डर को घेरेंगे।कोरोना को डंडा-लाठियों से किसान पिटेंगे।दिल्ली में घुसने की देरी है, अब किसानों की बारी है।काला कानून वापस लेने की तैयारी है। जय किसान।जिसको आना है बॉर्डर आओ, बुराड़ी को न जाना है।कोरोना मर गया। दिल्ली में फस गया।कोरोना

किताब पढ़िए