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दिवस

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मित्रता दिवसशारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के लिए स्वस्थसामाजिक सम्बन्ध और घनिष्ठ मित्र अत्यन्त आवश्यक है... क्योंकि मित्रताशुद्धतम प्रेम है... यह प्रेम का सर्वोच्च रूप है... जहाँ कुछ भी माँगा नहीं जाता...जहाँ कोई शर्त नहीं होती... जहाँ बस देने मेंआनन्द आता है... सच्चीमित्रता वही ह

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माँ से ही जीवन मिला, और मिला शुभ नाम।माँ के आशीर्वाद से, बनते बिगड़े काम।।माँ तो पावन प्रीति है , माँ शीतल जल धार।माँ के आँचल में छिपा, ममता प्यार दुलार।अभिनव मिश्र अदम्य

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माँ तेरी गोदीमें सर रख सो जाऊँ मैं पल भर को, तो लोरी तू गा देना, दिल को कुछ तो राहत मिल जाएगी | तेरे आँचल कीछाया से बढ़कर नहीं जहाँ की खुशियाँ, सर पर तेरा हाथरहे तो मंज़िल मुझको मिल जाएगी ||कल मातृ दिवस है, मेरी अपनी माँ के साथसाथ संसार की हर माँ को समर्पित हैं कुछ पंक

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पृथिवी दिवसआज समूचा विश्व पृथिवी दिवसयानी Earth Day मना रहा है | आज प्रातः से ही पृथिवी दिवस केसम्बन्ध में सन्देश आने आरम्भ हो गए थे | कुछ संस्थाओं ने तो वर्चुअल मीटिंग्सयानी वेबिनार्स भी आज आयोजित की हैं पृथिवी दिवस के उपलक्ष्य में – क्योंकि कोरोना के कारण कहीं एक स्थान पर एकत्र तो हुआ नहीं जा सकता

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कल विश्व गुर्दा दिवस है।इसका उद्देश्य है लोगों में गुर्दे और गुर्दे से संबंधित बीमारियों को लेकर जागरूकता पैदा करना। ईश्वर न करे कभी किसी को गुर्दे से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़े और यदि ऐसा हो जाए तो अपनों के जीवन को बचाने के लिए हमें गुर्दा प्रत्यारोपण से पीछे नहीं हटना चाहिए।आज के इस युग

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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस कल अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस है, और ग्यारहमार्च को महाशिवरात्रि का पावन पर्व है... जब समस्त हिन्दू सम्प्रदाय पूर्णश्रद्धाभाव से देवाधिदेव भगवान शंकर और उनकी परम शक्ति माँ पार्वती की पूजा अर्चनाकरेगा | जगह जगह रुद्राभिषेक किये जाएँगे | क्योंकि रूद्र तो समस्त देवों की आत्मा

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ॐ सहनाववतु । सहनौ भुनक्तु । सहवीर्य करवावहै ।तेजस्विनावधीतमस्तुमा विद्विषावहै । - कृष्ण यजुर्वेद हम सबसाथ मिलकर कार्य करें, साथ मिलकर अर्थात एक दूसरे के प्रति स्नेह की भावना मन में रखतेहुए भोग करें, साथ मिलकर शौर्य करें, हमारा अध्ययन तेजस्वी हो, किसी प्रकार काद्वेष भाव मन में न हो... कृष्ण यजुर्वेद

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आज Daughter’s day है, यानी बिटिया दिवस... सर्वप्रथम सभी को Daughter’s day की बधाई... आज एक बार अपनी उलझी सुलझी सी बातों के साथ आपके सामने हैं... हमारी आज की रचना का शीर्षक है तू कभी न दुर्बल हो सकती... अपनी आज की रचना प्रस्तुत करें उससे पहले दो बातें... हमारी प्रकृति वास्तव में नारी रूपा है... जाने

हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई ( "हिंदी है पहचान हमारी" शब्द साधना सबसे न्यारी" "मुक्तक"हिंदी ही पहचान है, हिंदी ही अभिमान।कई सहेली बोलियाँ, मिलजुल करती गान।राग पंथ कितने यहाँ, फिर भी भारत एक-एक सूत्र मनके कई, हिंदी हुनर महान।।-1एक वृक्ष है बाग का, डाल डाल फलदार।एक शब्द है ब्रम्ह का, पढ़ न सका संसार।पूज

अनेकों को लिखता देख मेरे मन में उठा ख्याल, मैं भी लिखूं कुछ ऐसा जिस पर उठे सवाल। फिर चाहे उस पर होता रहे हैं जितना बवाल , सोचा कविता को शीर्षक क्या दूँ, क्यों ना इस कविता का नाम अपना ही रख दूँ। कविता में

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‘स्वर्गीय आशारानी व्होरा, जी की स्मृति को नमन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर परमेरे द्वारा लिखित लेख पाँचवाँ स्तम्भ की सम्पादकमहामहिम गोवा की राज्य पाल रहीं मृदुला जी की पत्रिका में छपा था|आशारानी व्होरा एक ऐसा नाम है जिनके स्मरण मात्र से मन सम्मान से भर जाता है | सूर्य संस्थान आशा रानी जी की कर

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अन्तर्राष्ट्रीयमहिला दिवस की सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँसारी की सारीप्रकृति ही नारीरूपा है – अपने भीतरअनेकों रहस्य समेटे – शक्ति के अनेकों स्रोत समेटे - जिनसेमानवमात्र प्रेरणा प्राप्त करता है... और जब सारी प्रकृति ही शक्तिरूपा है तो भलानारी किस प्रकार दुर्बल या अबला हो सकती है ? आज की नारीशारी

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गणतन्त्र दिवस की हार्दिकबधाई एवं शुभकामनाएँअल्पानामपिवस्तूनां संहति: कार्यसाधिकातॄणैर्गुणत्वमापन्नैर्बध्यन्तेमत्तदन्तिन:।। हितोपदेश 1/35छोटीछोटी वस्तुओं को भी यदि एक स्थान पर एकत्र किया जाए तो उनके द्वारा बड़े से बड़ेकार्य भी किये जा सकते हैं | उसी प्रकार जैसे घासके छोटे छोटे तिनकों से बनाई गई डोर से

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वरिष्ठजन दिवस पर मेरी एक रचना उन बुजुर्गो के नाम जो अपने घर आँगन में सघन छांह भरे बरगद के समान है | जो उनकी कद्र जानते हैं उन्ही के मन के भाव ----बाबा की आँखों से झांक

"गीत"हिंदी हिंद की जान है, आन बान और शान हैभारत के हर वासी का, युग-युग से पहचान हैहर बोली में लहजा हिंदी, हर माथे पर सोहे बिंदीघर-घर में इंसान है, आँगन मुख मुस्कान है.......लिखना रुचिकर पढ़ना रुचिकर, रुचिकर है आठो डाँड़ीहिंदी के हर शब्द में बहती, गंगा यमुना की नाड़ीस्वर व्यंजन की आरती, प्रिय प्रतीक माँ

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ईरानी (पर्शियन )समाज में हिंदी भाषा का महत्व डॉशोभा भारद्वाज मुझेकई वर्ष तक परिवार सहित ईरान में रहने का अनुभव रहा है | ईरान के शाह मोहम्मद रजापहलवी ,पहलवी राजवंश के आखिरी शाह थे उन्होंने शान शौकत के साथ आर्य मिहिर की उपाधिधारण की उनके खिलाफ क्रान्ति का ऐसा म

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हिंदी दिवस कीसभी को हार्दिक शुभकामनाएँआप सब सोचेंगे कि पूर्णिमा को अब स्मरण हुआ “हिंदी” दिवसका... पर व्यस्तता ही कुछ ऐसी थी... माँ के श्राद्ध का तर्पण... भोजन... ऊपर से“अतिथि देवो भव”... तो अब साँझ को इस सबसे अवकाश पाकर मोबाइल ऑन किया तो देखाहिंदी दिवस के उपलक्ष्य में अनगिनती शुभकामना सन्देश मेरी अभ

निज भाषा उन्नति अहे,सब उन्नति को मूल महान साहित्यकार भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने अपनी भाषा को सब प्रकार की उन्नति का मूल कारक बताया था।अपनीभाषा अर्थात जिस जगह हम रहते हैं ,उस विस्तृत भूभागमें बोली जाने वाली भाषा।इस प्रकार हिंदी हमारी मातृ-भाषा है,क्योंकि वह विस्तृत भू-भाग में

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